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झारखंड

राँची में '5G यूज़ केस टेस्ट लैब' का उद्घाटन

  • 11 Jan 2025
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय कोयला और खान मंत्री ने झारखंड के राँची में केंद्रीय खान योजना और डिज़ाइन संस्थान (CMPDI) में '5G उपयोग मामला परीक्षण प्रयोगशाला' का उद्घाटन किया।

  • इस सुविधा का उद्देश्य कोयला क्षेत्र के डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी क्षमताओं को आगे बढ़ाना है।

मुख्य बिंदु

  • स्थायी कला प्रदर्शन:
    • मंत्री ने औद्योगिक स्क्रैप सामग्री से निर्मित 'CMPDI सेवाओं की प्रतिकृति' मूर्ति का अनावरण किया, जिसमें जियोमैटिक्स, अन्वेषण और पर्यावरण निगरानी में CMPDI की सेवाओं को प्रदर्शित किया गया।
    • यह स्थापना कला में पुनर्चक्रण और स्थायी प्रथाओं पर ज़ोर देती है।
    • मंत्री ने CMPDI का नया कॉर्पोरेट लोगो भी लॉन्च किया।
  • 5G उपयोग केस लैब:
    • विशेषताएँ:
      • यह प्रयोगशाला कोयला क्षेत्र के लिये अनुकूलित उद्योग 5G निजी नेटवर्क का एक छोटा सा प्रतिनिधित्व के रूप में कार्य करती है।
  • क्षमताएँ:
    • 5G रेडियो, कोर प्रौद्योगिकियों, एज/क्लाउड आईटी/ओटी अनुप्रयोगों और 5G-सक्षम उपकरणों को एकीकृत करता है।
    • आवाज़, वीडियो और डेटा संचार अनुप्रयोगों का समर्थन करता है।
    • इसमें वाहन प्रबंधन और अन्य अनुप्रयोगों के लिये IIoT सेंसर शामिल हैं।
  • उद्देश्य:
    • पूर्वानुमानित रखरखाव, स्मार्ट माइनिंग और वास्तविक समय निगरानी जैसे 5G उपयोग के मामलों का विकास करना।
    • वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के लिये 5G निजी नेटवर्क का एक प्रतिकृति मॉडल बनाना।
  • भविष्य के अनुप्रयोग:
    • परिचालन अनुकूलन के लिये डिजिटल ट्विन्स, स्वचालित निर्देशित वाहन (AGV) और AR/VR जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों को लागू करना।
  • कोयला उद्योग को लाभ:
    • मिशन-महत्त्वपूर्ण परिचालनों को समर्थन देने के लिये विश्वसनीय, उच्च गति, कम विलंबता कनेक्टिविटी।
    • बेहतर निर्णय लेने और सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं के लिये वास्तविक समय डेटा विनिमय।
    • निजी कैप्टिव नेटवर्क यह सुनिश्चित करता है कि परिचालन के दौरान उत्पन्न डेटा कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के पास रहे।
    • 5G को अपनाने से खनन कार्यों में दक्षता और सुरक्षा में सुधार होगा।

कोल इंडिया लिमिटेड 

  • परिचय: 
    • CIL भारत में एक सरकारी स्वामित्व वाली कोयला खनन निगम है, जो देश में कोयला संसाधनों के उत्पादन और प्रबंधन के लिये ज़िम्मेदार है। 
      • इसकी स्थापना 1975 में हुई थी और यह विश्व का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है। 
  • संगठनात्मक संरचना: 
    • CIL को 'महारत्न' सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप में वर्गीकृत किया गया है और यह ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL), भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) जैसी 8 सहायक कंपनियों के माध्यम से परिचालन करती है। 
    • महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) CIL की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सहायक कंपनी है। 
  • सामरिक महत्त्व: 
    • भारत की स्थापित विद्युत क्षमता का आधे से अधिक भाग कोयला आधारित है तथा CIL देश के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 78% आपूर्ति करता है।  
    • भारत की प्राथमिक वाणिज्यिक ऊर्जा आवश्यकताओं की  पूर्ति भी कोयले से ही होती है।
  • खनन क्षमता: 
    • आठ भारतीय राज्यों में, CIL 84 खनन क्षेत्रों में काम करती है और कुल 313 सक्रिय खदानों का प्रबंधन करती है। 


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