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State PCS Current Affairs


उत्तर प्रदेश

44% मौजूदा सांसदों पर आपराधिक आरोप: ADR

  • 02 Apr 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

चुनाव अधिकार संस्था, एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा विश्लेषण किये गए स्व-शपथ हलफनामों के अनुसार, 514 मौजूदा लोकसभा सांसदों में से 225 (44%) के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।

  • रिपोर्ट से पता चला है कि आपराधिक आरोपों वाले मौजूदा सांसदों में से 29% गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देना, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप शामिल हैं।

मुख्य बिंदु:

  • राज्यों के बीच आपराधिक मामलों के वितरण के संबंध में, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश अपने 50% से अधिक सांसदों के साथ आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं।
  • गंभीर आपराधिक मामलों के लिये मानदंड:
  • संविधान के अनुच्छेद 105 के तहत, सांसदों को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त हैं ताकि वे बिना किसी बाधा के अपने संसदीय कर्त्तव्यों का पालन कर सकें।
    • विशेषाधिकारों में से एक यह है कि किसी सांसद को किसी नागरिक मामले में सत्र या सदन समिति की बैठक शुरू होने से 40 दिन पहले और उसके 40 दिन बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।

गैर-ज़मानती अपराध

  • कोई भी अपराध जो CrPC की पहली अनुसूची या किसी अन्य कानून के तहत ज़मानती नहीं बताया गया है, उसे गैर-ज़मानती अपराध माना जाता है।
  • गैर-ज़मानती अपराध का आरोपी व्यक्ति ज़मानत को अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकता है। CrPC की धारा 437 में यह प्रावधान है कि गैर-ज़मानती अपराध के मामले में ज़मानत कब ली जा सकती है।
  • गैर-ज़मानती अपराध के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी जा सकती है, बशर्ते आरोपी निम्नलिखित आधारों के अंतर्गत न आता हो:
    • यह मानने के उचित आधार हैं कि उसने मृत्युदंड या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध किया है।
    • यह कि अभियुक्त ने संज्ञेय अपराध किया है और उसे पहले भी मृत्युदंड, सात वर्ष या अधिक के कारावास से दंडनीय अपराध का दोषी ठहराया गया था।
    • यह कि अभियुक्त को पहले दो या अधिक अवसरों पर संज्ञेय अपराध करने के लिये दोषी ठहराया गया था, जिसमें तीन वर्ष या उससे अधिक लेकिन सात वर्ष से कम की कैद की सज़ा नहीं थी।
    • ऐसे असाधारण मामले हैं जिनमें CrPC की धारा 437(1) के आधार पर कानून व्यक्तियों के पक्ष में विशेष विचार करता है, यानी जहाँ आरोपी नाबालिग, महिला, बीमार व्यक्ति आदि है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR)

  • यह भारत में एक अराजनीतिक और गैर-पक्षपातपूर्ण, गैर-लाभकारी संगठन है, जो 25 वर्षों से अधिक समय से चुनावी तथा राजनीतिक सुधारों पर कार्य कर रहा है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1999 में भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद के प्रोफेसरों के एक समूह द्वारा की गई थी।

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