38वाँ सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला | 13 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने हरियाणा के फरीदाबाद ज़िले में 38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- सूरजकुंड मेले के बारे में:
- सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी 2025 तक चलेगा।
- इस कार्यक्रम में भारत और विश्व भर के कारीगरों की कला, शिल्प कौशल और प्रतिभा का प्रदर्शन किया जाएगा।
- केंद्रीय मंत्री ने सूरजकुंड मेले को सिर्फ एक बाज़ार से कहीं अधिक बताते हुए प्राचीन शिल्पकला को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
- हरियाणा में MICE पर्यटन की संभावनाएँ:
- दिल्ली से हरियाणा की निकटता इसे रणनीतिक लाभ प्रदान करती है तथा इसे MICE (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियाँ) पर्यटन के लिये एक आदर्श केंद्र बनाती है।
- मंत्री ने राज्य को प्रोत्साहित किया:
- डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से सूरजकुंड मेले की पहुँच का विस्तार करें।
- वैश्विक दृश्यता बढ़ाने के लिये यूट्यूबर्स, फोटोग्राफरों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को शामिल करें।
- डिजिटल प्रदर्शन के माध्यम से कारीगरों के लिये नए व्यावसायिक अवसर प्रदान करना।
- सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक:
- हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सूरजकुंड मेले को हरियाणा और भारत की समृद्ध विरासत का प्रतीक बताया।
- उन्होंने इस आयोजन को वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है) का प्रतिबिंब बताया।
- उन्होंने इस भव्य समारोह के सफल आयोजन के लिये हरियाणा पर्यटन विभाग, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय तथा अन्य सहयोगी मंत्रालयों को बधाई दी।
MICE (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियाँ)
- MICE शब्द का उपयोग पर्यटन और इवेंट उद्योग में व्यवसाय और कॉर्पोरेट पर्यटन से संबंधित खंड को वर्गीकृत करने और उसका प्रतिनिधित्व करने के लिये किया जाता है।
- MICE पर्यटन में कंपनियों और समूहों के लिये कार्यक्रम, बैठकें, सम्मेलन, प्रदर्शनियाँ और प्रोत्साहनों का आयोजन और मेज़बानी शामिल है।
- इन गतिविधियों का उद्देश्य नेटवर्किंग, ज्ञान का आदान-प्रदान, व्यावसायिक सहयोग तथा व्यावसायिक संदर्भ में उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन सुगम बनाना है।