झारखंड
संथाल विद्रोह की 169वीं वर्षगाँठ
- 03 Jul 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में संथाल विद्रोह की 169वीं वर्षगाँठ मनाई गई। प्रधानमंत्री ने संथाल जनजाति समुदाय के बलिदान और वीरता को नमन किया।
मुख्य बिंदु:
- ब्रिटिश राज के खिलाफ विद्रोह की सबसे प्रसिद्ध घटनाओं में से एक संथाल विद्रोह वर्ष 1855 और 1857 में हुआ था
- यह भारत का पहला बड़ा किसान विद्रोह था, जो वर्ष 1793 में स्थायी बंदोबस्त के कार्यान्वयन से प्रेरित था
- इसका नेतृत्व चार भाइयों सिद्धो, कान्हो, चाँद और भैरव मुर्मू ने बहनों फूलो एवं झानो के साथ मिलकर किया था तथा यह बिहार के क्षेत्रों में फैला था।
संथाल जनजाति
- संथाल भारत में गोंड और भील के बाद तीसरा सबसे बड़ा अनुसूचित जनजाति समुदाय है।
- उनकी सबसे बड़ी संख्या देश के पूर्वी भाग में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा राज्यों में है।
- भाषा:
- उनकी भाषा संथाली है, जो मुंडा (ऑस्ट्रोएशियाटिक) भाषा खेरवारी की एक बोली है।
- ओल चिकी लिपि (Ol Chiki Script) में लिखी जाने वाली संथाली को संविधान की आठवीं अनुसूची में अनुसूचित भाषाओं में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- धर्म:
- वे प्रकृति पूजक हैं और उन्हें अपने गाँवों में जाहेर (पवित्र उपवन) में श्रद्धा अर्पित करते देखा जा सकता है।
- व्यवसाय:
- अधिकांश संथाल कृषक हैं, जो अपने खेतों या वनों पर निर्भर हैं।
- मौसमी वन संग्रह उनकी सहायक आय के महत्त्वपूर्ण स्रोतों में से एक है।