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Sambhav-2024

  • 11 Mar 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    दिवस- 97

    प्रश्न 2. ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी में क्रांति लाने में सॉलिड स्टेट लिथियम-मेटल बैटरियों (SSLMB) के महत्त्व को समझाइये। (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • सॉलिड स्टेट लिथियम-मेटल बैटरियों (SSLMB) का संक्षिप्त परिचय लिखिये।
    • ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी में SSLMB के महत्त्व का उल्लेख कीजिये।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    सॉलिड स्टेट लिथियम-मेटल बैटरी, (SSLMB) बैटरी प्रौद्योगिकी में एक अभूतपूर्व प्रगति का परिचायक है, जिसमें ऊर्जा भंडारण एवं बिजली वितरण प्रणालियों में क्रांति लाने की क्षमता है। SSLMB उच्च ऊर्जा घनत्व, तीव्र चार्जिंग क्षमता तथा बेहतर दीर्घायु प्रदान करके इलेक्ट्रिक वाहनों, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं ग्रिड स्टोरेज सहित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिये सुविधाजनक है।

    मुख्य भाग:

    सॉलिड-स्टेट लिथियम-मेटल बैटरी (SSLMB) एक क्रांतिकारी तकनीक है जो हमारे ऊर्जा भंडारण के तरीके को बदलने पर केंद्रित है। ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी में क्रांति लाने में SSLMB का महत्त्व:

    • उच्च ऊर्जा घनत्व: पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों में एक तरल इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग होता है, जिससे उनका ऊर्जा घनत्व (प्रति यूनिट ऊर्जा संग्रहण की मात्रा) सीमित हो जाता है। SSLMB में एक ठोस इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग होता है, जिससे लिथियम धातु एनोड का उपयोग सक्षम हो पाता है। लिथियम-आयन समकक्षों की तुलना में SSLMB में काफी अधिक ऊर्जा भंडारण की सुविधा मिलती है। इसका तात्पर्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये लंबी दूरी की सुविधा के साथ पोर्टेबल उपकरणों के लिये अधिक कॉम्पैक्ट बैटरी का मिलना है।
      • SSLMB के साथ एक इलेक्ट्रिक कार की कल्पना की जाए तो यह आज के EVs वाहनों की तुलना में दोगुनी ड्राइविंग रेंज प्रदान करने में सक्षम है। इससे EVs लंबी यात्राओं के लिये अधिक व्यावहारिक विकल्प बन जाएंगे।
    • सुरक्षा में वृद्धि: तरल इलेक्ट्रोलाइट की ज्वलनशील प्रकृति के कारण लिथियम-आयन बैटरियों में सुरक्षा जोखिम होता है। क्षति की स्थिति में, यह इलेक्ट्रोलाइट लीक हो सकता है तथा जल सकता है। SSLMBs से यह जोखिम नहीं होता है। ठोस इलेक्ट्रोलाइट गैर-ज्वलनशील एवं अधिक स्थिर होते हैं, जिससे SSLMBs विभिन्न अनुप्रयोगों के लिये स्वाभाविक रूप से सुरक्षित हो जाती है।
      • SSLMBs पेसमेकर एवं डिफाइब्रिलेटर जैसे चिकित्सा उपकरणों को ऊर्जा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सुरक्षा में वृद्धि तथा इनकी लंबी अवधि से रोगियों को बार-बार डिवाइस बदलने की आवश्यकता नहीं होगी।
    • तीव्र चार्जिंग: चार्जिंग के दौरान लिथियम डेंड्राइट (सुई जैसी संरचना) के कारण लिथियम-आयन बैटरियों को तीव्रता से चार्ज किये जाने की सीमाएँ हैं। ये डेन्ड्राइट बैटरी को नुकसान पहुँचा सकते हैं तथा उसकी अवधि को कम कर सकते हैं। ठोस इलेक्ट्रोलाइट्स लिथियम-आयन मूवमेंट पर बेहतर नियंत्रण प्रदान करते हैं। जिससे SSLMBs की तीव्र और सुरक्षित चार्जिंग का मार्ग प्रशस्त होता है।
      • स्मार्टफोन में SSLMBs के उपयोग से तेज़ चार्जिंग के साथ तथा बैटरी की जीवन अवधि में वृद्धि हो सकती है। SSLMB वाला फोन एक बार चार्ज करने पर पूरे दिन या कई दिनों तक चल सकता है, जिससे इसको बार-बार चार्ज करने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
    • नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण: सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को ग्रिड में एकीकृत करने के लिये बड़े पैमाने पर ऊर्जा भंडारण महत्त्वपूर्ण है। SSLMB, उच्च ऊर्जा घनत्व के कारण नवीकरणीय स्रोतों से अधिक ऊर्जा संग्रहीत करने में सक्षम हैं, जिससे अधिक कुशल एवं विश्वसनीय ग्रिड प्रणाली सक्षम हो सकती है। इससे घर में लगे सौर पैनल न केवल दिन के उपयोग के लिये पर्याप्त बिजली उत्पादित कर सकेंगे बल्कि रात के उपयोग के लिये SSLMB में अतिरिक्त ऊर्जा का भंडारण भी हो सकेगा।

    निष्कर्ष:

    सॉलिड-स्टेट लिथियम-मेटल बैटरियाँ (SSLMB) ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी में निर्णायक है। अधिक ऊर्जा घनत्व, तेज़ चार्जिंग, बेहतर सुरक्षा तथा लंबी जीवन अवधि की इनकी क्षमता इन्हें कुशल, विश्वसनीय एवं सतत् ऊर्जा हेतु प्रमुख बनाती है। विस्तारित-रेंज वाले इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा ग्रिड एवं लंबे समय तक चलने वाले चिकित्सा उपकरणों तक, SSLMBs में विभिन्न उद्योगों के रूपांतरण के संदर्भ में व्यापक क्षमता है।

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