प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Yojana) के अंतर्गत अब तक 22 नए क्षेत्रीय एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) की स्थापना को मंज़ूरी दे दी गई है।
प्रमुख बिंदु
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के विषय में:
- लॉन्च:
- इस योजना की घोषणा वर्ष 2003 में तृतीयक स्वास्थ्य सेवा अस्पतालों की उपलब्धता से जुड़े असंतुलन को दूर करने और देश में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिये की गई थी।
- नोडल मंत्रालय:
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय।
- दो घटक:
- एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना करना।
- विभिन्न राज्यों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन करना।
- प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के उन्नयन की लागत केंद्र और राज्य दोनों द्वारा वहन की जाती है।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से संबंधित अन्य पहलें:
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि:
- यह निधि स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर से प्राप्त ‘सिंगल नॉन लैप्सेबल रिज़र्व फंड’ है।
- प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना:
- इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2021-22 में की गई थी।
- इस योजना का उद्देश्य देश के सुदूर हिस्सों (अंतिम मील तक) में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता विकसित करना तथा देश में ही अनुसंधान, परीक्षण एवं उपचार के लिये एक आधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है।
- राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन:
- यह मिशन चार प्रमुख डिजिटल पहलों यथा- हेल्थ आईडी, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, डिजी डॉक्टर और स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री के साथ एक पूर्ण डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र है।
- आयुष्मान भारत (दोतरफा दृष्टिकोण):
- स्वास्थ्य देखभाल सुविधा घरों के करीब सुनिश्चित करने के लिये स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का निर्माण।
- स्वास्थ्य देखभाल से उत्पन्न होने वाले वित्तीय जोखिम से गरीब और कमज़ोर परिवारों की रक्षा के लिये प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) का निर्माण।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017:
- इस नीति का उद्देश्य सभी लोगों को सुनिश्चित स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराना है, साथ ही बदलते सामाजिक-आर्थिक, तकनीकी और महामारी परिदृश्यों से उत्पन्न चुनौतियों के समाधान का प्रयास करना है।
- प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना:
- इस परियोजना के अंतर्गत जन औषधि केंद्रों को गुणवत्ता एवं प्रभावकारिता वाली महँगी ब्रांडेड दवाओं के समतुल्य जेनेरिक दवाइयों को कम कीमत पर उपलब्ध कराने के लिये स्थापित किया गया है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन:
- इस मिशन को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन को मिलाकर शुरू किया गया था।
- इसके तहत प्रजनन-मातृ-नवजात शिशु-बाल एवं किशोरावस्था स्वास्थ्य (Reproductive-Maternal-Neonatal-Child and Adolescent Health- RMNCH+A) तथा संक्रामक व गैर-संक्रामक रोगों के दोहरे बोझ से निपटने के लिये ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य प्रणाली के सुदृढ़ीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।