राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार- 2023

स्रोत: पी.आई.बी 

हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने 21 भू-वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (NGA) 2023 प्रदान किये।

  • प्रो. धीरज मोहन बनर्जी को फॉस्फोराइट्स और प्रीकैम्ब्रियन भूविज्ञान में उनके अग्रणी योगदान के लिये लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 
  • डॉ. आशुतोष पांडे को पूर्वी धारवाड़ क्रेटन पर उनके शोध के लिये राष्ट्रीय युवा भू-वैज्ञानिक के रूप में सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार:

  • परिचय: यह वर्ष 1966 में खान मंत्रालय द्वारा स्थापित इस क्षेत्र का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित पुरस्कार है।
    •  वर्ष 2009 से पहले इन पुरस्कारों को राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार के नाम से जाना जाता था।
  • उद्देश्य: इन पुरस्कारों का उद्देश्य खनिज अन्वेषण, खनन प्रौद्योगिकी और खनिज लाभकारीकरण तथा मौलिक व अनुप्रयुक्त भूविज्ञान सहित विभिन्न भूविज्ञान क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों व महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये व्यक्तियों तथा टीमों को मान्यता देना है।
  • पात्रता: कोई भी भारतीय नागरिक जिसने इन क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया हो, इस पुरस्कार के लिये पात्र है।
  • श्रेणियाँ: इसे 3 श्रेणियों में दिया जाता है:
    • लाइफटाइम अचीवमेंट
    • राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार
    • राष्ट्रीय युवा भू-वैज्ञानिक पुरस्कार।
  • भूविज्ञान, जिसे पृथ्वी विज्ञान के रूप में भी जाना जाता है, पृथ्वी का अध्ययन है जिसमें इसकी सतह, प्रक्रियाएँ, प्राकृतिक संसाधन, जल तथा पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं। इसमें भूविज्ञान (पृथ्वी की संरचना एवं इतिहास की जाँच) और भूभौतिकी (पृथ्वी की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने हेतु अनुप्रयुक्त गणित और भौतिकी) जैसे विषय शामिल हैं।

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