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राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2022

  • 09 Nov 2022
  • 3 min read

खान मंत्रालय ने मौलिक/अनुप्रयुक्त भूविज्ञान, खनन और संबद्ध क्षेत्रों में योगदान के लिये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2022 हेतु नामांकन आमंत्रित किये हैं।

  • भूविज्ञान एक सर्वव्यापी शब्द है जिसका उपयोग पृथ्वी विज्ञान को संदर्भित करने के लिये किया जाता है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के भूवैज्ञानिक होते हैं, जैसे- वायुमंडलीय विज्ञान, भूविज्ञान, जल विज्ञान, खनिज विज्ञान, पेट्रोलॉजी, पेडोलॉजी और समुद्र विज्ञान।

राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार के मुख्य बिंदु:

  • परिचय:
    • प्रतिवर्ष दिया जाने वाला यह पुरस्कार वर्ष 1966 में खान मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया था।
    • यह भू-वैज्ञानिकों को उत्कृष्टता हेतु प्रोत्साहित करने की दिशा में एक पहल है।
    • भारत का कोई भी नागरिक जिसका NGA विनियमन 2022 के खंड-2 में निर्दिष्ट किसी भी क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है, इन पुरस्कारों के लिये पात्र माना जाएगा।
  • प्रमुख विषय: -
    • खनिज खोज और अन्वेषण
    • खनन, खनिज लाभ और सतत् खनिज विकास
    • बुनियादी भूविज्ञान
    • अनुप्रयुक्त भूविज्ञान
  • श्रेणियाँ:
    • लाइफटाइम अचीवमेंट के लिये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार:
      • NGA विनियमन, 2022 की धारा-2 में उल्लिखित किसी भी विषय में सतत और महत्वपूर्ण योगदान के लिये असाधारण रूप से लाइफटाइम अचीवमेंट हासिल करने वाले व्यक्ति को यह पुरस्कार दिया जाता है।
      • पुरस्कार के रूप में 5,00,000 रुपए नकद और प्रमाण पत्र दिया जाता है।
    • राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार:
      • राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार NGA विनियमन, 2022 की धारा-2 में उल्लिखित किसी भी विषय में उत्कृष्ट योगदान करने वाले व्यक्ति या टीम को प्रदान किया जाता है।
      • पुरस्कार के रूप में 3,00,000 रुपए नकद और प्रमाण पत्र दिया जाता है। टीम को पुरस्कार दिये जाने की स्थिति में पुरस्कार राशि को टीम के सदस्यों में समान रूप से विभाजित किया जाएगा।
    • राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार:
      • 31 दिसंबर, 2021 को 35 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को भूविज्ञान के किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य हेतु राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार दिया जाएगा।
      • इस पुरस्कार के रूप में 1,00,000 रुपए से अधिक नकद, पाँच वर्षों में संतोषजनक वार्षिक प्रगति के आधार पर 5,00,000 रुपए का शोध अनुदान और प्रमाण पत्र दिया जाता है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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