इटली में भारतीय सैनिक: द्वितीय विश्व युद्ध
प्रिलिम्स के लिये:द्वितीय विश्व युद्ध से संबंधित विभिन्न तथ्य मेन्स के लिये:द्वितीय विश्व युद्ध कारण व परिणाम |
चर्चा में क्यों?
भारतीय थल सेनाध्यक्ष (COAS) ब्रिटेन और इटली की आधिकारिक यात्रा के दौरान इटली के कैसिनो शहर में एक भारतीय सेना स्मारक का उद्घाटन करेंगे।
- यह स्मारक 3,100 से अधिक राष्ट्रमंडल सैनिकों को श्रद्धाजंलि देने हेतु बनाया गया है जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) में इटली को आज़ाद कराने के प्रयास में भाग लिया था।
- इस स्मारक पर 900 भारतीय सैनिकों को भी श्रद्धाजंलि दी गई है।
प्रमुख बिंदु:
इटली में भारतीय सेना:
- भारतीय सेना के तीन इन्फैन्ट्री डिवीज़नों (चौथे, आठवें और दसवें) ने इतालवी अभियान में भाग लिया था।
- 8वाँ भारतीय इन्फैंट्री डिवीजन इटली में पहुँचने वाला देश का पहला डिवीज़न था जिसने वर्ष 1941 में अंग्रेज़ों द्वारा इराक और ईरान में हुए हमलों के समय कार्रवाई की।
- दूसरा आगमन चौथे भारतीय डिवीज़न का था जो दिसंबर 1943 में उत्तरी अफ्रीका से इटली आया था। वर्ष 1944 में इसे कैसीनो में तैनात किया गया था।
- तीसरा आगमन 10वें भारतीय डिवीजन का था जिसे वर्ष 1941 में अहमदनगर में गठित किया गया और वर्ष 1944 में यह इटली पहुँचा।
- पंजाब और भारतीय मैदानी इलाकों के पुरुषों ने इटली की अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया।
- यहाँ तक कि नेपाल के गोरखाओं ने भी भारी और लगातार वर्षा तथा इटली के पहाड़ों में बर्फीली रातों का सामना किया।
- सभी तीन डिवीजनों ने इतालवी अभियान में अच्छा प्रदर्शन किया और मित्र देशों तथा एक्सिस/धुरी कमांडरों द्वारा समान रूप से उनका सम्मान किया गया।
द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय सैनिक:
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सेना सबसे बड़ी स्वयंसेवी शक्ति थी, जिसमें 2.5 मिलियन (20 लाख से अधिक) भारतीयों ने भाग लिया था।
- इन सैनिकों ने मित्र राष्ट्रों के हिस्से के रूप में धुरी शक्तियों (जर्मनी, इटली और जापान) से लड़ाई लड़ी। वे विभिन्न स्रोत संगठनों से संबंधित थे, जैसे:
- भारतीय सेना:
- 1940 के दशक के पूर्वार्द्ध में भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था और भारतीय सेना ने दोनों विश्व युद्धों में भाग लिया। इसमें भारतीय और यूरोपीय दोनों सैनिक शामिल थे।
- ईस्ट इंडिया कंपनी सेना और ब्रिटिश सेना:
- भारतीय सेना के अलावा भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी, जिसने भारतीय और यूरोपीय दोनों सैनिकों की भर्ती की तथा ब्रिटिश सेना भी मौजूद थी।
- भारतीय सेना:
द्वितीय विश्व युद्ध
परिचय:
- द्वितीय विश्व युद्ध वर्ष 1939-45 के बीच होने वाला एक सशस्त्र विश्वव्यापी संघर्ष था।
- जर्मनी द्वारा 1 सितंबर, 1939 को पोलैंड पर आक्रमण के दो दिन बाद ब्रिटेन और फ्राँस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। इस घटना ने द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत की।
- यह इतिहास का सबसे बड़ा संघर्ष था जो लगभग छह वर्षों तक चला था।
- 2 सितंबर, 1945 को जब यह एक अमेरिकी युद्धपोत के डेक पर समाप्त हुआ, तब इसमें लगभग 60-80 मिलियन लोग शामिल हुए थे जो दुनिया की आबादी का लगभग 3% था।
- मरने वालों में अधिकांश साधारण नागरिक थे, जिनमें 6 मिलियन यहूदी भी शामिल थे, जो युद्ध के दौरान नाजी बंदी शिविरों में मारे गए थे।
प्रतिद्वंद्वी गुट:
- धुरी शक्तियाँ- जर्मनी, इटली और जापान।
- मित्र राष्ट्र- फ्राँस, ग्रेट ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और कुछ हद तक चीन।
युद्ध के कारण:
- प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) के बाद वर्साय संधि की कठोर शर्तें।
- दुनिया भर में आर्थिक मंदी।
- जर्मनी और जापान में सैन्यवाद का उदय।
- राष्ट्र संघ की विफलता।
द्वितीय विश्व युद्ध में इटली
- बेनिटो मुसोलिनी के नेतृत्त्व में इटली वर्ष 1936 में जर्मन नेशनल सोशलिस्ट (नाज़ी) जर्मनी में शामिल हो गया था और वर्ष 1940 में मित्र राष्ट्रों के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया।
- वर्ष 1943 में मुसोलिनी को परास्त कर दिया गया और इसके बजाय इटली ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा की।
- मित्र राष्ट्रों द्वारा इटली पर आक्रमण उसी समय हुआ जब इतलियों के साथ एक युद्धविराम समझौता किया गया था।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दो वर्षों तक इटली युद्ध के सबसे "थकाऊ अभियानों" में से एक बना रहा क्योंकि वे एक कुशल और दृढ़ दुश्मन का सामना कर रहे थे।