भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रपति, भारतीय चुनाव आयोग और चुनाव से संबंधित संवैधानिक प्रावधान। मेन्स के लिये:राष्ट्रपति का चुनाव और महाभियोग। |
चर्चा में क्यों?
भारत के वर्तमान राष्ट्रपति का कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त होने वाला है, इसके साथ ही उसके उत्तराधिकारी का चुनाव करने के लिये देश में 16वें राष्ट्रपति चुनाव आयोजित किये जाएंगे।
राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
- परिचय:
- भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल प्रणाली के माध्यम से किया जाता है, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर के सांसदों द्वारा वोट डाले जाते हैं।
- चुनाव का आयोजन भारतीय चुनाव आयोग (EC) द्वारा किया जाता है।
- निर्वाचक मंडल संसद के उच्च एवं निम्न सदन (राज्यसभा और लोकसभा सांसदों) के सभी निर्वाचित सदस्यों एवं राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं (विधायकों) के निर्वाचित सदस्यों से बना होता है।
- संबंधित संवैधानिक प्रावधान:
- अनुच्छेद 54: राष्ट्रपति का चुनाव।
- अनुच्छेद 55: राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया।
- अनुच्छेद 56: राष्ट्रपति के पद का कार्यकाल।
- अनुच्छेद 57: पुनर्निर्वाचन हेतु पात्रता।
- अनुच्छेद 58: राष्ट्रपति के रूप में चुनाव हेतु योग्यता।
- प्रक्रिया:
- मतदान से पूर्व नामांकन चरण आता है, जहाँ उम्मीदवार चुनाव में खड़े होने का इरादा प्रस्तुत करता है और 50 प्रस्तावकों एवं 50 समर्थकों की हस्ताक्षरित सूची के साथ नामांकन दाखिल करता है।
- ये प्रस्तावक और समर्थक राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के निर्वाचक मंडल के सदस्यों में से कोई भी हो सकते हैं।
- 50 प्रस्तावकों और समर्थकों की आवश्यकता से संबंधित नियम तब लागू किया गया जब चुनाव आयोग ने 1974 में देखा कि कई ऐसे उम्मीदवारों, जिनमें से कई के जीतने की संभावना भी कम थी, द्वारा चुनाव लड़ने के लिये नामांकन दाखिल किया गया।
- एक मतदाता एक से अधिक उम्मीदवारों के नामांकन का प्रस्ताव या समर्थन नहीं कर सकता है।
प्रत्येक वोट का मूल्य क्या है और इसकी गणना कैसे की जाती है?
- प्रत्येक सांसद या विधायक द्वारा डाले गए वोट की गणना एक वोट के रूप में नहीं की जाती है।
- राज्यसभा और लोकसभा के प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 700 निश्चित है।
- विधायकों के वोट का मूल्य अलग-अलग राज्यों की जनसंख्या पर निर्भर करता है।
- संविधान (84वाँ संशोधन) अधिनियम 2001 के अनुसार, वर्तमान में राज्यों की जनसंख्या वर्ष 1971 की जनगणना के आँकड़ों पर आधारित है जिसमें बदलाव वर्ष 2026 के बाद की जनगणना के आँकड़े प्रकाशित होने के बाद किया जाएगा।
- प्रत्येक विधायक के वोट का मूल्य राज्य की विधानसभा में विधायकों की संख्या से विभाजित करके तथा प्राप्त भागफल को 1000 से विभाजित करके निर्धारित किया जाता है।
- उदाहरण के लिये उत्तर प्रदेश में प्रत्येक विधायक के लिये सबसे अधिक वोट मूल्य 208 है। महाराष्ट्र में एक विधायक का वोट मूल्य 175 है, जबकि अरुणाचल प्रदेश में यह सिर्फ 8 है।
जीत सुनिश्चित करने के लिये क्या आवश्यक है?
- एक मनोनीत उम्मीदवार साधारण बहुमत के आधार पर जीत हासिल नहीं करता है बल्कि वोटों के एक विशिष्ट कोटे को हासिल करने की प्रणाली के माध्यम से जीत सुनिश्चित होती है। मतगणना के दौरान चुनाव आयोग द्वारा मतपत्रों के माध्यम से निर्वाचक मंडल द्वारा डाले गए सभी वैध मतों का योग किया जाता है तथा जीत के लिये उम्मीदवार को डाले गए कुल मतों का 50% + 1 प्राप्त करना होता है।
- आम चुनावों के विपरीत यहाँ मतदाता एक पार्टी के उम्मीदवार के लिये वोट करते है तथा निर्वाचक मंडल के मतदाता मतपत्र पर उम्मीदवारों के नाम वरीयता क्रम में लिखे जाते हैं।
- राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा होता है तथा गुप्त मतदान की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
राष्ट्रपति पर महाभियोग:
- अनुच्छेद 61 के अनुसार, राष्ट्रपति को उसके कार्यकाल की समाप्ति से पहले केवल ‘संविधान के उल्लंघन (Violation Of The Constitution) के आधार पर पद से हटाया जा सकता है।
- हालाँकि भारतीय संविधान में 'संविधान का उल्लंघन' वाक्यांश के अर्थ को परिभाषित नहीं किया गया है।
- राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया (Impeachment Process) संसद के किसी भी सदन में शुरू की जा सकती है।
- राष्ट्रपति के विरुद्ध प्रस्ताव पर सदन के कम-से-कम एक-चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर होना आवश्यक है।
- राष्ट्रपति पर महाभियोग का प्रस्ताव मूल सदन (Originating House) में विशेष बहुमत (दो-तिहाई) द्वारा पारित किया जाना चाहिये।
- इसके बाद प्रस्ताव को दूसरे सदन में विचार हेतु भेजा जाता है। दूसरा सदन एक निरीक्षक के रूप में कार्य करता है। राष्ट्रपति पर लगे आरोपों की जांँच के लिये एक प्रवर समिति का गठन किया गया है।
- प्रक्रिया के दौरान राष्ट्रपति को अधिकृत वकील के माध्यम से अपना बचाव करने का अधिकार है। वह अपना बचाव करने का विकल्प चुन सकता है या ऐसा करने के लिये भारत के किसी व्यक्ति/वकील या अटॉर्नी जनरल को नियुक्त कर सकता है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |