काला सागर
प्रिलिम्स के लिये:काला सागर की भौगोलिक स्थिति मेन्स के लिये:काला सागर का सामरिक महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अमेरिकी रक्षा सचिव ने रूस द्वारा काला सागर के "सैन्यीकरण" के समय नाटो सदस्यों से अधिक मित्रवत रक्षा सहयोग का आग्रह किया है।
- यह आग्रह नाटो मंत्रियों के शिखर सम्मेलन से पहले आया है।
प्रमुख बिंदु
- काला सागर की भौगोलिक स्थिति:
- काला सागर पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया के बीच स्थित है।
- यह क्रमशः दक्षिण, पूर्व और उत्तर में पोंटिक, काकेशस तथा क्रीमियन पहाड़ों से घिरा हुआ है।
- काला सागर भी कर्च जलडमरूमध्य द्वारा आज़ोव सागर से जुड़ा हुआ है।
- तुर्की जलडमरूमध्य प्रणाली - दर्दनल्स, बोस्पोरस और मरमारा सागर - भूमध्य तथा काला सागर के बीच एक संक्रमणकालीन क्षेत्र बनाती है।
- काला सागर के सीमावर्ती देश हैं: रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, तुर्की, बुल्गारिया और रोमानिया।
- काला सागर के जल में ऑक्सीजन की भारी कमी है।।
- काला सागर में रूस की रुचि:
- काला सागर क्षेत्र का अद्वितीय भूगोल रूस को कई भू-राजनीतिक लाभ प्रदान करता है।
- सबसे पहले, यह पूरे क्षेत्र के लिये एक महत्त्वपूर्ण रणनीतिक स्थल है।
- काला सागर तक पहुँच सभी तटवर्ती और पड़ोसी राज्यों के लिये महत्त्वपूर्ण है तथा जिससे आसन्न क्षेत्रों में शक्ति संवर्द्धन सुनिश्चित करता है।
- दूसरे, यह क्षेत्र माल और ऊर्जा के लिये एक महत्त्वपूर्ण पारगमन गलियारा है।
- तीसरा, काला सागर क्षेत्र सांस्कृतिक और जातीय विविधता में समृद्ध है तथा भौगोलिक निकटता के कारण रूस के साथ घनिष्ठ ऐतिहासिक संबंध साझा करता है।
- सबसे पहले, यह पूरे क्षेत्र के लिये एक महत्त्वपूर्ण रणनीतिक स्थल है।
- रूस ने 2014 में यूक्रेन के रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण प्रायद्वीप क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया, जो इस सदी में एक संप्रभु राज्य के सबसे ज़्यादा क्षेत्र पर कब्ज़ा है।
- अधिकांश देश इस कब्ज़े को मान्यता नहीं देते हैं और यूक्रेन का समर्थन करते हैं।
- नवंबर 2020 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन द्वारा प्रायोजित एक प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जिसमें क्रीमिया में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा की गई थी, जिससे इस मुद्दे पर पुराने सहयोगी रूस का समर्थन किया गया था।
- काला सागर क्षेत्र का अद्वितीय भूगोल रूस को कई भू-राजनीतिक लाभ प्रदान करता है।
- काला सागर में अमेरिका की रुचि:
- काला सागर बुल्गारिया, जॉर्जिया, रोमानिया, रूस, तुर्की और यूक्रेन से घिरा है। ये सभी नाटो देश हैं।
- नाटो देशों और रूस के बीच इस टकराव के कारण काला सागर सामरिक महत्त्व का क्षेत्र है और एक संभावित समुद्री फ्लैशपॉइंट है।
- नाटो के सदस्य तुर्की, ग्रीस, रोमानिया और बुल्गारिया काला सागर से प्रत्यक्ष रूप से संबद्ध हैं, लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य नाटो सहयोगियों के युद्धपोतों ने भी यूक्रेन के समर्थन हेतु लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
- रूस ने अक्सर क्रीमिया के पास नाटो युद्धपोतों की आवाजाही को इस क्षेत्र को अस्थिर करने वाला कदम बताया है।