माइक्रोवेव ओवन में जीवाणु समुदाय
स्रोत: नेचर
हाल ही में माइक्रोवेव ओवन जैसे चरम ताप वाले वातावरण में पनपने वाले सूक्ष्मजीवों के विकासवादी अनुकूलन को समझने के लिये उन पर अध्ययन किया गया है।
मुख्य निष्कर्ष:
- ये प्रमुख जीवाणु बैसिलस, माइक्रोकॉकस और स्टैफिलोकोकस जेनेरा से संबंधित थे, जो आम तौर पर मानव त्वचा एवं सतहों पर रहते हैं जिन्हें लोग प्रायः छूते हैं।
- क्लेबसिएला (Klebsiella) और ब्रेवुंडिमोनस (Brevundimonas) सहित खाद्य जनित बीमारियों से जुड़े बैक्टीरिया के कुछ प्रकार भी घरेलू माइक्रोवेव में विकसित हुए।
- प्रयोगशाला माइक्रोवेव ओवन में बैक्टीरिया की सबसे बड़ी आनुवंशिक विविधता (एक प्रजाति के भीतर जीन में भिन्नता) थी।
- माइक्रोवेव हीटिंग ऊष्मा उत्पन्न करने और भोजन में अधिकांश सूक्ष्मजीवों को निष्क्रिय करने के लिये विद्युत चुंबकीय तरंगों (300 मेगाहर्ट्ज़ से 300 गीगाहर्ट्ज़) का उपयोग करता है।
- बैक्टीरिया:
- बैक्टीरिया सूक्ष्म जीव हैं जिनमें केवल एक कोशिका होती है। ये गोले, छड़ और सर्पिल जैसे विभिन्न आकार के होते हैं। वे लाभप्रद या हानिकारक हो सकते हैं।
- एक्सट्रीमोफाइल्स ऐसे जीव हैं जो सबसे विषम वातावरण, जिसमें झुलसाने वाले जलतापीय छिद्र/हाइड्रोथर्मल वेंट, सब-ज़ीरो अंटार्कटिक आइस और भू-पर्पटी के परम दाब शामिल हैं, में भी जीवित रह सकते हैं और पनप सकते हैं।
और पढ़ें: मेटाजीनोमिक्स