असंगठित उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण (2022-23)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation - MoSPI) ने वर्ष 2022-23 के लिये असंगठित उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण जारी किया है।

सर्वेक्षण के अनुसार अनौपचारिक श्रमिकों की स्थिति क्या है?

  • सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों की हिस्सेदारी सबसे अधिक थी।
  • महामारी के बाद के वर्ष 2022-23 में गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों की हिस्सेदारी घट गई।
  • असमाविष्ट गैर-कृषि उद्यमों की संख्या में वृद्धि के साथ उत्तर प्रदेश प्रमुख राज्यों में शीर्ष पर है।
  • अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों की हिस्सेदारी (2021-22 की तुलना में 2022-23 में):
    • उत्तर प्रदेश: 0.84% की वृद्धि (कुल अनौपचारिक क्षेत्र उद्यमों (TISE) का 1299% से 1383% तक)।
    • पश्चिम बंगाल: 0.27% की कमी (TISE के 12.31% से 12.04% तक)।
    • महाराष्ट्र: 0.56% की वृद्धि (TISE के 8.81% से 9.37% तक)।
    • दिल्ली: 0.79% की वृद्धि (TISE के 064% से 143% तक)।
  • अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिक (वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2022-23 में):
    • उत्तर प्रदेश: 1.30 करोड़ से 0.27 करोड़ की वृद्धि हुई।
    • पश्चिम बंगाल: 1.02 करोड़ से 0.03 करोड़ की वृद्धि हुई।
    • महाराष्ट्र: 16.19 लाख की वृद्धि हुई।
  • असंगठित गैर-कृषि क्षेत्र में कुल श्रमिक:
    • 2022-23 के दौरान: 1.17 करोड़ श्रमिकों (9.79 से 10.96 करोड़ तक) की वृद्धि हुई।
    • शहरी श्रमिक: 0.69 करोड़ श्रमिकों (5.03 से 5.72 करोड़ तक) की वृद्धि हुई।
    • ग्रामीण श्रमिक: 0.48 करोड़ श्रमिकों (4.76 से 5.24 करोड़ तक) की वृद्धि हुई।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने की आवश्यकता की जाँच कीजिये और इस संरचनात्मक परिवर्तन को अधिक प्रभावी ढंग से सुविधाजनक बनाने के लिये रणनीतियों की रूपरेखा तैयार कीजिये।

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  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था में वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप औपचारिक क्षेत्र में रोज़गार कैसे कम हुए? क्या बढ़ती हुई अनौपचारिकता देश के विकास के लिये हानिकारक है? (2016)