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शिगेला बैक्टीरिया का प्रकोप

  • 05 May 2022
  • 4 min read

केरल के कासरगोड ज़िले में संदिग्ध खाद्य विषाक्तता की हालिया घटना के पीछे शिगेला बैक्टीरिया  (Shigella Bacteria Outbreak) को कारण माना जा रहा है।

  • इससे पहले वर्ष 2019 में केरल के कोयिलैंडी ज़िले में बैक्टीरिया पाया गया था।

शिगेला बैक्टीरिया:

  • परिचय: शिगेला, बैक्टीरिया का एक प्रकार है जो शिगेलोसिस नामक संक्रमण का कारण बनता है। यह विश्व भर में बैक्टीरियल डायरिया (रोटावायरस के बाद) का दूसरा तथा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है।
    • विश्व भर में शिगेलोसिस एपिसोड की वार्षिक संख्या 164.7 मिलियन होने का अनुमान है।
  • संभावित लक्षण: लक्षणों में दस्त, बुखार, पेट में ऐंठन शामिल हैं जो सात दिनों तक रह सकते हैं।
  • संचरण: शिगेला आमतौर पर दूषित भोजन या पानी या व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क के माध्यम से फैलता है।
    • शिगेलोसिस मुख्य रूप से गरीब और भीड़-भाड़ वाले समुदायों की बीमारी है, जिनके पास पर्याप्त स्वच्छता या सुरक्षित जल उपलब्ध नहीं है। 
  • ऊष्मायन अवधि: शिगेलोसिस की ऊष्मायन अवधि आमतौर पर 1-4 दिन होती है।
  • विभिन्न प्रजातियाँ: रोग की गंभीरता संक्रमित प्रजातियों द्वारा भिन्न होती है: 
    • शिगेला पेचिश संक्रमण आमतौर पर पेचिश का कारण बनता है, जो शिगेला फ्लेक्सनेरी के संक्रमण से भी हो सकता है।
    • शिगेला बॉयडी और शिगेला सोनेई भी अक्सर पेचिश संक्रमण का कारण बनता है, परंतु यह तुलनात्मक रूप से कम प्रभावित करता है।
  • टीके: वर्तमान में शिगेलोसिस के लिये कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
  • मध्यम प्राथमिकता वाले बैक्टीरिया: बहुऔषध प्रतिरोध की बढ़ती दर के कारण विशेष रूप से एशियाई और अफ्रीकी क्षेत्रों में फ्लोरोक्विनोलोन के प्रतिरोध के कारण इसे WHO प्राथमिकता रोगजनकों की एंटीबायोटिक सूची द्वारा नए एवं प्रभावी एंटीबायोटिक उपचार के अनुसंधान व विकास के लिये एक मध्यम प्राथमिकता प्रतिरोधी बैक्टीरिया के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

उपचार प्रोटोकॉल:

  • हाइड्रेशन/जलयोजन: शिगेला के उपचार में हाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट को संतुलन किया जाता  जाता है। 
    • छोटे बच्चों में कम ऑस्मोलैरिटी सॉल्यूशन के साथ ओरल रिहाइड्रेशन को WHO द्वारा परिभाषित कुछ डिहाइड्रेशन की श्रेणी के इलाज हेतु प्रयोग किया जाता है और जब तक डिहाइड्रैशन का स्तर गंभीर न हो तब तक इन्ट्रावेनस तरल पदार्थों को ही दिया जाना एक  बेहतर विकल्प[ होता है। 
  • एंटीबायोटिक्स का उपयोग: हालांँकि शिगेलोसिस मुख्य रूप से आत्म-सीमित (Self-Limiting) है, रोग की अवधि को कम करने और संचरण को रोकने हेतु एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है।
    • वर्तमान में उपयोग की जाने वाली दवाओं में थर्ड जनरेशन  सेफलोस्पोरिन (सेफ्ट्रिएक्सोन या सेफिक्साइम) और मैक्रोलाइड्स (एज़िथ्रोमाइसिन) शामिल हैं। 
  • सार्वजनिक स्वच्छता: हाथ धोने से शिगेला संचरण 70% तक कम हो जाता है। अनुशंसित सार्वजनिक स्वास्थ्य नियंत्रण उपायों में शिगेलोसिस से पीड़ित लोगों को कार्यस्थल, भोजन तैयार करने और चाइल्ड कैयर से दूर रखना शामिल है। 

स्रोत: द हिंदू

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