प्रारंभिक परीक्षा
संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी पुरस्कार
- 11 Apr 2022
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उपराष्ट्रपति ने देश के 43 प्रख्यात कलाकारों (4 फेलो और 40 पुरस्कार विजेताओं) को वर्ष 2018 के लिये संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप और संगीत नाटक पुरस्कार प्रदान किये हैं।
- उन्होंने वर्ष 2021 में 23 लोगों (3 फेलो और 20 राष्ट्रीय पुरस्कार) को ललित कला अकादमी की फैलोशिप और राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किये।
संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (अकादमी रत्न) और पुरस्कार:
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप:
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप राष्ट्रीयता, नस्ल, जाति, धर्म, पंथ या लिंग के भेद के बिना संगीत नाटक अकादमी द्वारा प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
- अकादमी की फैलोशिप सबसे प्रतिष्ठित एवं दुर्लभ सम्मान है, जो एक बार में अधिकतम 40 लोगों को दिया जा सकता है।
- अकादमी फेलो के सम्मान में एक ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के साथ 3,00,000/- रुपए का नकद पुरस्कार शामिल होता है।
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार:
- संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक/लोक/जनजातीय संगीत/नृत्य/थिएटर, कठपुतली और प्रदर्शन कला आदि में समग्र योगदान/छात्रवृत्ति के क्षेत्र के कलाकारों को पुरस्कार दिये जाते हैं।
- अकादमी पुरस्कार में ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के साथ 1,00,000/- रुपए का नकद पुरस्कार शामिल होता है।
ललित कला अकादमी पुरस्कार क्या है?
- राष्ट्रीय ललित कला अकादमी पुरस्कार कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये व्यक्तियों को सम्मानित करने हेतु प्रदान किए जाते हैं। पुरस्कार विजेताओं का चयन अकादमी द्वारा नामित जजों/निर्णायकों के एक सम्मानित पैनल द्वारा किया जाता है।
संगीत नाटक अकादमी क्या है?
- संगीत नाटक अकादमी संगीत, नृत्य और नाटक के लिये भारत की राष्ट्रीय अकादमी है।
- 1952 में (तत्कालीन) शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा डॉ. पी.वी. राजमन्नार को इसके पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया।
- यह वर्तमान में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार का एक स्वायत्त निकाय है और इसकी योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिये सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित है।
- अकादमी प्रदर्शन कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों और परियोजनाओं की स्थापना और देखभाल करती है। कुछ महत्वपूर्ण हैं:
- राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली की स्थापना 1959 में हुई थी।
- इम्फाल में जवाहरलाल नेहरू मणिपुर नृत्य अकादमी- 1954।
- कथक केंद्र (राष्ट्रीय कथक नृत्य संस्थान) नई दिल्ली- 1964 में।
- कुटियाट्टम (केरल का संस्कृत थिएटर), पूर्वी भारत के छऊ नृत्य, असम की सत्रिया परंपरा आदि के समर्थन की राष्ट्रीय परियोजनाएंँ।
ललित कला अकादमी क्या है?
- अकादमी का उद्घाटन 5 अगस्त, 1954 को तत्कालीन माननीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने किया था।
- अकादमी को वर्ष 1957 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत वैधानिक अधिकार दिया गया था।
- अपनी स्थापना के बाद से यह भारतीय कलाकारों के रचनात्मक प्रयासों को बढ़ावा देकर तथा उनकी कलाओं को बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँचाकर पूरे देश की सेवा कर रही है, इस प्रकार दृश्य कला के दायरे में आने वाली पूरी संस्कृति की संवेदनशीलता को परिभाषित करने और पुनर्परिभाषित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |