प्रारंभिक परीक्षा
नई रोशनी योजना
- 09 Feb 2022
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हाल ही में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा राज्यसभा को सूचित किया गया है कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों (2018-19 से 2020-21) में नई रोशनी योजना के तहत 26 करोड़ रुपए मंज़ूर किये हैं जिसके माध्यम से लगभग एक लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
नई रोशनी योजना के बारे में:
- नई रोशनी- अल्पसंख्यक महिलाओं के लिये एक नेतृत्व विकास कार्यक्रम है जो 18 से 65 वर्ष की आयु वर्ग केअल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित महिलाओं के लिये एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- इसकी शुरुआत वर्ष 2012-13 में की गई थी।
- इस योजना का उद्देश्य सभी स्तरों पर सरकारी प्रणालियों, बैंकों और अन्य संस्थानों के साथ बातचीत करने हेतु ज्ञान, उपकरण और तकनीक प्रदान कर अल्पसंख्यक महिलाओं, उनके पड़ोसियों सहित एक ही गांँव/इलाकों में रहने वाले अन्य समुदायों के बीच विश्वास उत्पन्न करना है।
- यह पूरे देश में गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाजों और सरकारी संस्थानों की मदद से चलाया जाता है।
- इसमें महिलाओं के नेतृत्व, शैक्षिक कार्यक्रम, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, स्वच्छ भारत, वित्तीय साक्षरता, जीवन कौशल, महिलाओं के कानूनी अधिकार, डिजिटल साक्षरता तथा सामाजिक व व्यवहार परिवर्तन के लिये वकालत जैसे विभिन्न प्रशिक्षण मॉड्यूल शामिल हैं।
योजना का महत्त्व:
- महिलाओं का सशक्तीकरण न केवल समानता के लिये आवश्यक है, बल्कि गरीबी में कमी, आर्थिक विकास और नागरिक समाज की मज़बूती के लिये भी यह काफी महत्त्वपूर्ण तत्त्व है।
- गरीबी से त्रस्त महिलाएँ और बच्चे हमेशा सबसे ज़्यादा पीड़ित होते हैं तथा उन्हें समर्थन की ज़रूरत होती है। महिलाओं को विशेष रूप से सशक्त बनाना और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि घरों में वह अपनी संतानों का पालन, पोषण करती हैं।
- यह अल्पसंख्यक महिलाओं को उनके घर और समुदाय की सीमाओं से बाहर निकलने में मदद करती है और वे जीवन एवं जीवन से संबंधित स्थितियों में सुधार के लिये सरकार के विकास लाभों पर अपने उचित हिस्से का दावा करने के अलावा सामूहिक या व्यक्तिगत रूप से सेवाओं, सुविधाओं, कौशल तक पहुँच प्राप्त कर नेतृत्व की भूमिका निभाती हैं व अपने अधिकारों का दावा करती हैं।
अल्पसंख्यक महिलाओं से संबंधित अन्य योजनाएंँ:
- गरीब नवाज़ रोज़गार योजना
- सीखो और कमाओ
- बेगम हज़रत महल गर्ल्स स्कॉलरशिप
- नई मंजिल
- उस्ताद (विकास के लिये पारंपरिक कला/शिल्प में कौशल और प्रशिक्षण का उन्नयन)