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प्रारंभिक परीक्षा

बुद्ध पूर्णिमा

  • 16 May 2022
  • 8 min read

प्रधानमंत्री ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध के सिद्धांतों को याद करते हुए उन्हें पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

  • इस खास मौके पर उन्होंने नेपाल की भी यात्रा की।

बुद्ध पूर्णिमा:

  • यह बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्म को चिह्नित करने के लिये मनाया जाता है।
    • इसे वेसाक के नाम से भी जाना जाता है। वैश्विक समाज में बौद्ध धर्म के योगदान को देखते हुए वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस को मान्यता दी गई थी।
  • तथागत गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञानोदय और महापरिनिर्वाण के रूप में इसे 'तिहरा-धन्य दिवस' माना जाता है। 
  • बुद्ध पूर्णिमा आमतौर पर अप्रैल और मई माह के बीच पूर्णिमा को पड़ती है और यह भारत में एक राजकीय अवकाश है।
  • इस अवसर पर कई भक्त बिहार के बोधगया में स्थित यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल महाबोधि विहार जाते हैं।
    • बोधि विहार वह स्थान है, जहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

गौतम बुद्ध:

  • बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म सिद्धार्थ गौतम के रूप में लगभग 563 ईसा पूर्व लुंबिनी में हुआ था और वे शाक्य वंश के थे।
  • गौतम ने बिहार के बोधगया में एक पीपल के पेड़ के नीचे बोधि (ज्ञानोदय) प्राप्त किया था।
  • बुद्ध ने अपना पहला उपदेश उत्तर प्रदेश में वाराणसी के पास सारनाथ गाँव में दिया था। इस घटना को धर्म चक्र प्रवर्तन (कानून के पहिये का घूमना) के रूप में जाना जाता है।
  • उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में 483 ईसा पूर्व में उनका निधन हो गया। इस घटना को महापरिनिर्वाण के नाम से जाना जाता है।
  • उन्हें भगवान विष्णु के दस अवतारों में से आठवाँ अवतार माना जाता है।

 बौद्ध धर्म:

  • परिचय:
    • भारत में बौद्ध धर्म की शुरुआत लगभग 2600 वर्ष पूर्व हुई थी।
    • बौद्ध धर्म की मुख्य शिक्षाएँ चार महान आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग की मूल अवधारणा में समाहित हैं।
      • दुख (पीड़ा) और उसका विलुप्त होना बुद्ध के सिद्धांत के केंद्र में है।
    • बौद्ध धर्म का सार आत्मज्ञान या निर्वाण की प्राप्ति में है, जिसे इस जीवन में प्राप्त किया जा सकता है।
    • बौद्ध धर्म में कोई सर्वोच्च देवता या देवी नहीं है।

बौद्ध परिषद:

बौद्ध परिषद

संरक्षक

स्थान

अध्यक्ष

वर्ष

पहली

अजातशत्रु 

राजगृह

महाकस्यप

483 ई.पू.

दूसरी 

कालाशोक 

वैशाली

सुबुकामि 

383 ई.पू.

तीसरी

अशोक 

पाटलिपुत्र

मोगालिपुत्र 

250 ई.पू.

चौथी

कनिष्क

कुण्डलवन (कश्मीर) 

वसुमित्र 

72 ई.

  • बौद्ध धर्म की शाखाएँ:
    • महायान (मूर्ति पूजा), हीनयान, थेरवाद, वज्रयान (तांत्रिक बौद्ध धर्म), ज़ेन।
  • बौद्ध धर्म ग्रंथ (त्रिपिटक):
    • विनयपिटक (मठवासी जीवन पर लागू नियम), सुत्तपिटक (बुद्ध की मुख्य शिक्षाएँ या धम्म), अभिधम्मपिटक (एक दार्शनिक विश्लेषण और शिक्षण का व्यवस्थापन)।
  • भारतीय संस्कृति में बौद्ध धर्म का योगदान:
    • अहिंसा की अवधारणा बौद्ध धर्म का प्रमुख योगदान है। बाद के समय में यह हमारे राष्ट्र के पोषित मूल्यों में से एक बन गई।
    • भारत की कला एवं वास्तुकला में इसका योगदान उल्लेखनीय है। सांची, भरहुत और गया के स्तूप वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं।
    • इसने तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला जैसे आवासीय विश्वविद्यालयों के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा दिया।
    • पाली और अन्य स्थानीय भाषाएँ बौद्ध धर्म की शिक्षाओं के माध्यम से विकसित हुई।
    • इसने एशिया के अन्य हिस्सों में भारतीय संस्कृति के प्रसार को भी बढ़ावा दिया था।
  • बौद्ध धर्म से संबंधित यूनेस्को के विरासत स्थल:
    • नालंदा, बिहार में नालंदा महाविहार का पुरातात्त्विक स्थल
    • साँची, मध्य प्रदेश में बौद्ध स्मारक
    • बोधगया, बिहार में महाबोधि विहार परिसर
    • अजंता गुफाएँ, औरंगाबाद (महाराष्ट्र)

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न. भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में ‘परामिता’ शब्द का सही विवरण निम्नलिखित में से कौन-सा है? (2020)

(a) सूत्र पद्धति में लिखे गए प्राचीनतम धर्मशास्त्र पाठ
(b) वेदों के प्राधिकार को अस्वीकार करने वाले दार्शनिक संप्रदाय
(c) परिपूर्णताएँ जिनकी प्राप्ति से बोधिसत्व पथ प्रशस्त हुआ
(d) आरंभिक मध्यकालीन दक्षिण भारत की शक्तिशाली व्यापारी श्रेणियाँ

उत्तर: (c) 


प्रश्न.  निम्नलिखित पर विचार कीजिये:

  1. बुद्ध में देवत्वारोपण
  2. बोधिसत्त्व के पथ पर चलना
  3. मूर्ति उपासना तथा अनुष्ठान

उपर्युक्त में से कौन-सी विशेषता/विशेषताएँ महायान बौद्ध मत की है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d) 

  • 72 ईस्वी में कुंडलवन, कश्मीर में आयोजित चौथी बौद्ध परिषद ने वसुमित्र की अध्यक्षता में बौद्ध धर्म को दो शाखाओं हीनयान और महायान में विभाजित किया।
  • महायान का शाब्दिक अर्थ 'द ग्रेट व्हीकल (महान वाहन)' है, जबकि महायान बौद्ध धर्म के समर्थकों ने बौद्ध धर्म की पुरानी परंपरा को हीनयान (छोटा वाहन) कहा है।
  • बौद्ध धर्म की महायान शाखा ने ज्ञान प्राप्त करने और सभी संवेदनशील प्राणियों को सभी दुखों और पीड़ाओं से बचाने के लिये बोधिसत्त्व के मार्ग को स्वीकार किया। अत: कथन 2 सही है।
  • उन्होंने यह मानना शुरू कर दिया कि बुद्ध उद्धारकर्त्ता थे और वह मोक्ष सुनिश्चित कर सकते थे। इस प्रकार बुद्ध के विग्रह की प्रक्रिया शुरू हुई। अत:  कथन 1 सही है।
  • इसके अलावा बुद्ध की छवियों की पूजा और अनुष्ठान बौद्ध स्कूल का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गए। अत: कथन 3 सही है।
  • अतः विकल्प (d) सही है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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