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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    पुलिस व्यवस्था से संबंधित वर्तमान मुद्दों को रेखांकित करें। अनुत्पादक पुलिस बनाने से उत्पन्न चिंताओं को बताएँ।

    19 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आंतरिक सुरक्षा

    उत्तर :

    भारत में अपराध पर नियंत्रण कर कानून व्यवस्था को सुचारु रूप से लागू करने में पुलिस व्यवस्था की भूमिका अत्यंत अहम रही है। इससे संबंधित वर्तमान मुद्दों को निम्न रूप में देखा जा सकता हैः

    • भारतीय पुलिस व्यवस्था आज भी 1961 के औपनिवेशिक पुलिस एक्ट से संचालित होती है। बदलते सामाजिक-आर्थिक परिवेश में इसे लोकतांत्रिक और प्रासंगिक बनाए जाने की आवश्यकता है।
    • एक मुद्दा भर्ती प्रशिक्षण तथा पुलिस के आधुनिकीकरण से भी जुड़ा हुआ है, ताकि पुलिस दक्षता के साथ साइबर अपराध, संगठित अपराध तथा धन शोधन जैसी तकनीकी समस्याओं का समाधान कर सके।
    • पुलिस व्यवस्था अत्यधिक राजनीतिक नियंत्रण से भी प्रभावित होती है। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिये कि निष्पक्ष तथा उचित रूप से कार्य करने वाले अधिकारी को राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाया जा सके।
    • पुलिस बल को महिला तथा अन्य नागरिकों के लिए अधिक संवेदनशील बनाए जाने की आवश्यकता है, ताकि जनता पुलिस से सहज हो सके।
    • इसके अलावा काम अत्यधिक बोझ  को तर्कसंगत करने के लिये पुलिस बलों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। वर्तमान समय में पुलिस वालों की अपर्याप्त संख्या से संपूर्ण भारत जूझ रहा है।
    • एक मुद्दा पुलिस व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है, जिससे अपराधी  दंड से बच जाते हैं। 

    अनुत्पादक पुलिस प्रणाली से उत्पन्न चिंताएँ
    हमारी कानून व्यवस्था पुलिस पर काफी हद तक निर्भर करती है। ऐसे में अनुत्पादक पुलिस प्रणाली हमारे संपूर्ण कानून व्यवस्था को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। इससे एक और जहाँ अपराधी बच जाते हैं, वहीं एक सही व्यक्ति भी दोषी सिद्ध हो जाता है। अपराधियों के बचने के कारण जहां उनका मनोबल बढ़ता है और अपराध में वृद्धि होती है, वहीं अन्याय तथा न्याय में देरी से कानून व्यवस्था पर विश्वास घटने के कारण लोगों में नक्सलबादी तथा आतंकवादी रुझानों में वृद्धि होती है। इससे लोकतंत्र तथा न्याय की अवधारणा भी प्रभावित होती है। पुलिस में असंवेदनशीलता के कारण असुरक्षित वर्गों का हित भी प्रभावित होता है तथा बलात्कार,  हत्या जैसे जघन्य अपराध बढ़ते हैं। इसके अलावा सांप्रदायिकता, नस्लीय आधार तथा क्षेत्रीय आधार पर हिंसक घटनाओं के बढ़ने से राष्ट्र की अवधारणा भी कमजो़र होती है।

    स्पष्ट है कि पुलिस व्यवस्था को उत्पादक बनाना कानून व्यवस्था की अनिवार्य शर्त है। उपरोक्त मुद्दों का समाधान कर पुलिस व्यवस्था को उत्पादक बनाया जा सकता है।

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