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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण के लिये राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम लाया गया था। देश में राजकोषीय घाटे में तीव्र वृद्धि के कारणों को बताएँ तथा एफआरबीएम अधिनियम की समस्या और उसके समाधान का तर्कपूर्ण विवेचन करें।

    08 Oct, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    भूमिका में:-

    राजकोषीय घाटे के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उत्तर प्रारंभ करें। 

    विषय-वस्तु में:-

    • राजकोषीय घाटे में तीव्र वृद्धि के कारणों की चर्चा करें, जैसे :
    • किसानों के लिये ऋण माफ़ी योजना। 
    • सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट का लागू होना। 
    • मनरेगा एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन जैसे कार्यक्रमों का संचालन। 
    • सब्सिडी व्यय में वृद्धि। 
    • रक्षा व्यय में वृद्धि आदि।

    राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण के लिये लाए गए एफआरबीएम अधिनियम के बारे में बताते हुए इसकी समस्याओं पर चर्चा करें, जैसे :

    • यह अधिनियम केवल केंद्रीय बजट पर केंद्रित है, जबकि इसे केंद्र, राज्य और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के ‘सार्वजनिक क्षेत्र समेकित ऋण’ आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।  
    • इस अधिनियम द्वारा सार्वजनिक खर्च पर अत्यधिक रोक से लंबी अवधि का निवेश प्रभावित होता है।
    • इस अधिनियम में आर्थिक चक्र के संदर्भ में स्वयं नियम बनाने का प्रावधान नहीं है। 

    उपर्युक्त समस्याओं के संदर्भ में समाधान के उपायों पर चर्चा करें, जैसे :

    • इसका ध्यान सार्वजनिक क्षेत्र की समेकित ऋण आवश्यकता पर केंद्रित किया जाना चाहिये। 
    • सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, शहरी एवं ग्रामीण आधारभूत सरंचनाओं और सामाजिक बुनियादी ढाँचे पर अधिक निवेश किया जाना चाहिये। 
    • इस अधिनियम में स्वतः नियमों का निर्माण और उन्हें लागू करने का प्रावधान होना चाहिये। 

    अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।

    नोट: निर्धारित शब्द-सीमा में उत्तर को विश्लेषित करके लिखें।

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