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प्रश्न :
सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने तथा असमानता को कम करने में भारत की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता पर उदाहरण सहित चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
02 Apr, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- सामाजिक न्याय का परिचय देते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में भारत की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता का वर्णन कीजिये।
- असमानता को कम करने में कल्याणकारी योजनाओं की प्रासंगिकता का विश्लेषण कीजिये।
- उचित निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
भारत की प्रमुख कल्याणकारी योजनाएँ सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने तथा असमानता को कम करने में सहायक रही हैं। हाशिये पर मौजूद समुदायों के उत्थान तथा समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इन योजनाओं ने विभिन्न सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों से निपटने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्य भाग:
सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने तथा असमानता को कम करने में प्रभावशीलता:
1. गरीबी उन्मूलन पर प्रभाव:
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) ने ग्रामीण भारत में 100 दिनों की गारंटी वाले अकुशल कार्य के अधिकार-आधारित ढाँचे के साथ लाखों ग्रामीण परिवारों को रोज़गार के अवसर प्रदान किये हैं, जिससे गरीबी कम होने के साथ आजीविका में सुधार हुआ है।
- विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, मनरेगा से गरीबी दर में कमी आने के साथ ग्रामीण स्तर पर उपभोग में वृद्धि हुई है।
- उदाहरण: मनरेगा ने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों को आजीविका सहायता प्रदान की, जिससे गहन आर्थिक संकट को रोका जा सका।
2. खाद्य सुरक्षा बढ़ाना:
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) का लक्ष्य दो-तिहाई आबादी को सब्सिडी वाला खाद्यान्न उपलब्ध कराना है।
- NFSA ने विशेष रूप से कमज़ोर समूहों के लिये खाद्य सुरक्षा एवं पोषण परिणामों में सुधार किया है।
- उदाहरण: आँगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से पौष्टिक भोजन के प्रावधान से बच्चों में कुपोषण को कम करने में मदद मिली है।
3. स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच में सुधार:
- आयुष्मान भारत योजना, जिसमें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) शामिल है, जिसका उद्देश्य कमज़ोर परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना है।
- PMJAY ने लाखों लोगों के लिये स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच को आसान बना दिया है, जिससे चिकित्सा खर्चों का वित्तीय बोझ कम हो गया है।
- उदाहरण: PMJAY द्वारा दूरदराज के गाँव में परिवारों के चिकित्सा खर्चों को कवर किया गया, जिससे वे जीवन रक्षक उपचार का खर्च वहन करने में सक्षम हुए।
4. महिलाओं को सशक्त बनाना:
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) और प्रधानमंत्री मातृ वंदना (PMMVY) जैसी योजनाओं का उद्देश्य समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार करना है।
- BBBP ने बालिकाओं के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ कुछ क्षेत्रों में लिंग अनुपात में सुधार में योगदान दिया है।
- उदाहरण: PMMVY गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं तथा पोषण तक पहुँच प्राप्त होती है।
5. शिक्षा को बढ़ावा देना:
- सर्व शिक्षा अभियान (SSA) और मध्याह्न भोजन योजना (MDMS) का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच को बढ़ाना है।
- SSA के कारण स्कूल में नामांकन दर में वृद्धि (खासकर हाशिए पर रहने वाले समुदायों के बीच) हुई है।
- उदाहरण: MDMS ने बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार किया है तथा इससे स्कूलों में नियमित उपस्थिति को प्रोत्साहन मिला है।
6. आवास और बुनियादी ढाँचे की ज़रूरतों को हल करना:
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का लक्ष्य वर्ष 2022 तक सभी को किफायती आवास उपलब्ध कराना है।
- PMAY ने बेघरों और अपर्याप्त आवास स्थितियों में रहने वाले लोगों के लिये घरों के निर्माण की सुविधा प्रदान की है।
- उदाहरण: PMAY-ग्रामीण ने ग्रामीण परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराए हैं, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
निष्कर्ष:
भारत की प्रमुख कल्याणकारी योजनाएँ विभिन्न सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान करके सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने तथा असमानता को कम करने में प्रभावी रही हैं। इन योजनाओं ने न केवल लाखों लोगों के जीवन में सुधार किया है बल्कि देश के समग्र विकास में भी योगदान दिया है। हालाँकि यह सुनिश्चित करने के लिये निरंतर मूल्यांकन और सुधार की आवश्यकता है कि ये योजनाएँ इच्छित लाभार्थियों तक पहुँचें तथा अपने उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त कर सकें।
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