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ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    महान विचारकों के तीन उद्धरण नीचे दिये गए हैं। वर्तमान संदर्भ में प्रत्येक उद्धरण आपको क्या संप्रेषित करता है?

    (a) ''दयालुता के सबसे सरल कार्य प्रार्थना में एक हज़ार बार झुकने वाले सिरों से कहीं अधिक शक्तिशाली हैं।'' -महात्मा गांधी

    (b) ''लोगों को जागरूक करने के लिये महिलाओं को जागृत होना चाहिये। जैसे ही वे आगे बढ़ती हैं, परिवार आगे बढ़ता है, गाँव आगे बढ़ता है, देश आगे बढ़ता है।'' -जवाहरलाल नेहरू

    23 Nov, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    उत्तर: A

    महात्मा गांधी का उपर्युक्त उद्धरण केवल अनुष्ठानों के बजाय परोपकारी/दयालुता संबंधी कार्यों के महत्त्व पर बल देने से संबंधित है। वर्तमान संदर्भ में यह उद्धरण व्यावहारिक दयालुता और इसके सामाजिक प्रभाव के महत्त्व को दर्शाता है।

    • परोपकार का भौतिक प्रभाव: विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी ने अपनी संपत्ति के प्रमुख हिस्से को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में दान किया है, जिससे लाखों वंचित बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
    • समुदाय-आधारित पहल: भारत में स्व-रोज़गार महिला संघ (SEWA) विभिन्न आर्थिक और सामाजिक पहलों के माध्यम से कम आय पृष्ठभूमि वाली महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
    • सूक्ष्म वित्त के माध्यम से सशक्तीकरण: ग्रामीण बैंक के माध्यम से सूक्ष्म वित्त के क्षेत्र में अग्रणी कार्य करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के अग्रणी कार्यों से गरीब व्यक्तियों को सूक्ष्म वित्त प्रदान किया गया, जिससे उन्हें गरीबी से बाहर निकलने के साथ आजीविका के स्थायी अवसर प्राप्त हुए।
    • सामाजिक उद्यमियों का प्रभाव: भारत के "पैडमैन" के रूप में पहजाने जाने वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम जैसे सामाजिक उद्यमियों ने प्रमुख सामाजिक मुद्दों को हल करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
      • कम लागत वाले सैनिटरी पैड बनाने वाली उनकी मशीनों ने ग्रामीण क्षेत्रों में मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता को बढ़ाने के साथ महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार किया है।
    • शिक्षा में दयालुता: अक्षय पात्र फाउंडेशन जैसे संस्थान स्कूल के बच्चों को मध्याह्न भोजन प्रदान करके परोपकारिता/दयालुता की परिवर्तनकारी क्षमता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इससे न केवल भुखमरी का समाधान होता है बल्कि इससे शिक्षा को भी प्रोत्साहन मिलता है।

    उत्तर: B

    नेहरू का उपर्युक्त उद्धरण सामाजिक परिवर्तन में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है। समसामयिक संदर्भ में यह समाज में महिलाओं के महत्त्व एवं व्यापक सामाजिक विकास में उनके योगदान पर बल देता है।

    समाज पर महिलाओं का बहुआयामी प्रभाव:

    • मूल्यों को आकार देने में महिलाओं का योगदान: भारतीय माताएँ, बड़ों के प्रति सम्मान और दूसरों के प्रति दया जैसी अपनी शिक्षाओं के माध्यम से उन मूल्यों को आकार देने में भूमिका निभाती हैं जो पारिवारिक बंधन और सामाजिक सद्भाव में महत्त्वपूर्ण होते हैं।
    • आर्थिक विकास हेतु सशक्तीकरण: भारत में स्वयं सहायता समूह (SHG) आंदोलन ने (विशेष रूप से केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में) महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ उन्हें प्रभावी ढंग से व्यवसाय शुरू करने एवं प्रबंधित करने में सक्षम बनाया है।
    • उत्प्रेरक के रूप में महिला शिक्षा: भारत में "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान का उद्देश्य समाज में लैंगिक पूर्वाग्रह को दूर करने तथा महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ अधिक प्रबुद्ध समाज को बढ़ावा देना है।
    • राजनीतिक क्षेत्र में महिलाएँ: भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की क्षमता का प्रदर्शन करते हुए अपने कार्यकाल के दौरान महत्त्वपूर्ण नीतिगत योगदान दिया।
    • सतत् विकास में महिलाओं की भूमिका: पर्यावरण कार्यकर्ता वंदना शिवा ने महिलाओं, पर्यावरण तथा विकास के अंतर्संबंध पर ज़ोर देते हुए सतत् कृषि के साथ जैवविविधता के संरक्षण पर बल दिया है।

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