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प्रश्न :
विविधता, समता और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिये उच्चतर न्यायपालिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की वांछनीयता पर चर्चा कीजिये।
26 Apr, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
परिचय
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने न्यायपालिका में महिलाओं के लिये 50% प्रतिनिधित्व का आह्वान किया है। उल्लेखनीय है कि कोई महिला भारत की मुख्य न्यायाधीश कभी नहीं बनी है और पिछले 71 वर्षों में नियुक्त सुप्रीम कोर्ट के 256 न्यायाधीशों में से केवल 11 (या 4.2%) महिलाएँ हैं (अगस्त 2021 की स्थिति के अनुसार)।
ढाँचा
उच्चतर न्यायपालिका में महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व की वांछनीयता
- महिला न्यायाधीशों की उपस्थिति न्यायपालिका की वैधता में वृद्धि करती है तथा इस बात का संदेश देती है कि न्याय सभी के लिये सुलभ है।
- इससे दृष्टिकोण में विविधता उपलब्ध होती है। इससे यौन हिंसा से जुड़े मामलों में अधिक संतुलित और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण मिलेगा।
- न्यायपालिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में सुधार लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय के संवैधानिक आदर्शों में अंतर्निहित है।
- महिलाओं की अधिक भागीदारी लैंगिक रूढ़िवादिता से लड़ने के लिये प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
आगे की राह
- अदालतों में बुनियादी ढाँचे की कमी, लैंगिक रूढ़िवादिता और सामाजिक दृष्टिकोण ने महिलाओं के कानूनी पेशे में प्रवेश करने में बाधा उत्पन्न की है। सामाजिक जागरूकता के माध्यम से इसमें परिवर्तन करना चाहिये।
- न्यायिक नियुक्ति की प्रक्रिया को वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली परिदृश्य के बजाय अधिक पारदर्शी और समावेशी बनाने की आवश्यकता है।
- संवैधानिक आदर्शों एवं लैंगिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिये न्यायपालिका में सभी स्तरों पर महिलाओं का समुचित प्रतिनिधित्व वांछनीय है।
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