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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी, नैतिक कॉर्पोरेट प्रशासन की परिकल्पना करती है। चर्चा कीजिये।

    19 May, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    दृष्टिकोण

    • कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी की अवधारणा को संक्षेप में परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी और कॉर्पोरेट गवर्नेंस लिंकेज पर चर्चा कीजिये।
    • उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय

    कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी/कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) शब्द का तात्पर्य उन निगमों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले अभ्यासों और नीतियों से है, जिनका उद्देश्य दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डालना है। CSR का मुख्य उद्देश्य निगमों के लिये लाभ को अधिकतम करने के साथ ही अन्य सामाजिक उद्देश्यों को भी आगे बढ़ाना है। CSR से अभिप्राय किसी औद्योगिक इकाई का उसके सभी पक्षकारों, जैसे- संस्थापकों, निवेशकों, ऋणदाताओं, प्रबंधकों, कर्मचारियों, आपूर्तिकर्त्ताओं, ग्राहकों, वहाँ के स्थानीय समाज एवं पर्यावरण के प्रति नैतिक दायित्व से है।

    सामान्य CSR उद्देश्यों के उदाहरणों में पर्यावरणीय क्षरण को कम करना, कंपनी के कर्मचारियों के बीच स्वयंसेवा को बढ़ावा देना और कल्याणकारी कार्यों हेतु दान करना शामिल है।

    कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी और कॉर्पोरेट गवर्नेंस लिंकेज

    • स्व-विनियमन मॉडल: कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (CSR) एक स्व-विनियमन व्यवसाय मॉडल है जो एक कंपनी को अपने हितधारकों और जनता के लिये सामाजिक रूप से जवाबदेह बनाने में मदद करता है।
    • कॉर्पोरेट नागरिकता: CSR, जिसे कॉर्पोरेट नागरिकता भी कहा जाता है, द्वारा कंपनियाँ आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण सहित समाज के सभी पहलुओं पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जागरूक हो सकती हैं।
    • बेहतर कार्य संस्कृति: CSR गतिविधियाँ कर्मचारियों और निगमों के बीच एक मज़बूत बंधन बनाने में मदद कर सकती हैं, मनोबल बढ़ा सकती है तथा कर्मचारियों एवं नियोक्ताओं दोनों को अपने आस-पास की दुनिया से अधिक जुड़ाव महसूस करने में मदद कर सकती हैं।
    • विन-विन स्थिति: कई कंपनियाँ CSR को अपनी ब्रांड छवि के एक अभिन्न अंग के रूप में देखती हैं, यह विश्वास करते हुए कि ग्राहक उन ब्रांडों के साथ व्यापार करने की अधिक संभावना रखते हैं जिन्हें वे अधिक नैतिक मानते हैं।

    निष्कर्ष

    भारत में कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी को कंपनी अधिनियम. 2013 के तहत परिभाषित किया गया है, जो कंपनी और उद्योग के आधार पर कई रूप ले सकता है। CSR कार्यक्रमों, परोपकार और स्वयंसेवी प्रयासों के माध्यम से, व्यवसाय अपने ब्रांडों को बढ़ावा देते हुए समाज को लाभान्वित कर सकते हैं। इस प्रकार CSR समुदाय के लिये जितना महत्त्वपूर्ण है, यह कंपनी के लिये भी उतना ही मूल्यवान है।

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