नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    प्रतिबंध संस्कृति को बढ़ावा दिये जाने के प्रमुख कारणों की चर्चा करें तथा प्रतिबंध संस्कृति से उत्पन्न होने वाले नैतिक मुद्दों को भी स्पष्ट करें।

    30 Jul, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण: 

    • भूमिका

    • कारण

    • संबंधित नैतिक मुद्दे

    • निष्कर्ष

    भारत अपनी संस्कृति के कारण विश्वविख्यात रहा है। सहिष्णुता, भाईचारा, सौहार्द हमारी संस्कृति की आत्मा रहे हैं। लेकिन वर्तमान की प्रवृत्तियाँ कुछ और ही तस्वीर प्रस्तुत करती हैं, जिसमें प्रतिबंध संस्कृति का उद्भव होता प्रतीत हो रहा है। प्रतिबंध यदि सामाजिक या राजनीतिक बुराई पर लगे तो यह समाज के लिये प्रेरणादायक हो सकता है।

    किंतु वर्तमान समय की परिस्थितियाँ दर्शाती हैं कि वैचारिक मतभेद तथा असहिष्णुता के कारण प्रतिबंध संस्कृति अपना सर उठा रही है।

    इस प्रवृत्ति के कुछ कारणों का उल्लेख निम्नलिखित है-

    • वोटबैंक की राजनीति : इसके अंतर्गत राजनेताओं द्वारा दो भिन्न विचारधारा वाले वर्ग का निर्माण कर राजनीतिक फायदा उठाना आसान हो जाता है।
    • राजनीतिक संस्कृति में बदलाव की अनुभूति कराना : राजनीति में एक अलग व्यक्तित्त्व के रूप में प्रसिद्धि पाने तथा सुधार की दिशा में कार्य करते हुए, राजनीति में व्याप्त बुराइयों एवं अव्यवस्थाओं को दूर करने का प्रयास किया जाता है।
    • प्राणिजगत के प्रति संवेदनशीलता का प्रदर्शन : अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक लोक-कल्याणकारी राज्य के रूप में कई तरह के पशु संबंधित खेलाें पर भी प्रतिबंध आरोपित किये जाते हैं, जैसे तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध।
    • वैचारिक सर्वश्रेष्ठता स्थापित करना : अपनी विचारधारा को सर्वोपरि मानकर असहिष्णुता की भावना से किताबों पर प्रतिबंध आरोपित किये जाते हैं।
    • उपर्युक्त कारणों से कई नीतिगत मुद्दे चुनौतियों के रूप में उत्पन्न होते हैं। जैसे-
    • न्याय का प्रश्न : कई बार प्रतिबंध आरोपित करने हेतु पुलिस तंत्र का सहारा लिया जाता है। यदि इसमें हिंसा का प्रयोग होता है तब न्याय संबंधी चुनौतियाँ सामने आती हैं।
    • भय व असहिष्णुता का माहौल : जब किसी संप्रदाय विशेष की संस्कृति का आधिपत्य स्थापित करने का प्रयास किया जाता है तब हिंसात्मक गतिविधियाँ भारतीय संस्कृति की आत्मा पर चोट करती हैं। उदाहरणस्वरूप दलित, मुस्लिम हिंसा की वारदातें।
    • सांस्कृतिक भावना का आहत होना : किसी क्षेत्र अथवा संप्रदाय विशेष की संस्कृति पर प्रतिबंध उनमें उपेक्षा का भाव पैदा करता है। जब जल्लीकट्टू जैसे खेलों पर प्रतिबंध की बात आती है तब संबंधित लोगों को लगता है कि यह उनकी द्रविड़ संस्कृति पर चोट है।

    अत: जब सरकार द्वारा सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिये प्रतिबंध आरोपित किये जाएँ तो पहले जन समुदाय को जागरूक कर उन्हें विश्वास में लेना आवश्यक है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow