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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ‘भागीदारी गारंटी योजना’ (Participatory Guarantee Scheme-PGS) क्या अधिक किसानों को जैविक फसल के उत्पादन के लिये प्रोत्साहित कर पाएगी? विश्लेषण कीजिये।

    26 Sep, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण

    • परिचय में भागीदारी गारंटी योजना के बारे में बताइये।

    • यह योजना जैविक फसल के उत्पादन को किस प्रकार प्रोत्साहित कर सकती है, बताइये।

    • जैविक कृषि को बढ़ावा देने हेतु कुछ उपाय सुझाते हुए निष्कर्ष लिखिये।

    पर्यावरण संरक्षण व मानव स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए जैविक कृषि आज के युग की मांग बन चुकी है, किंतु उत्पादन व विपणन संबंधी अवसंरचना के अभाव में कृषक जैविक कृषि के प्रति उदासीन बने हुए हैं। इस समस्या को दूर करने हेतु केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा ‘भागीदारी गारंटी योजना’ शुरु की गई। PGS अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लागू एक जैविक गुणवत्ता आश्वासन पहल है, जो उत्पादकों और उपभोक्ताओं सहित हितधारकों की भागीदारी पर ज़ोर देती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें लोग समान स्थितियों में एक-दूसरे के उत्पादन कार्यों का मूल्यांकन, निरीक्षण और सत्यापन करते हैं तथा जैविक प्रमाणीकरण पर निर्णय लेते हैं।

    योजना के उद्देश्य

    • भारतीय जैविक बाज़ार के विकास को बढ़ावा देना।
    • छोटे और सीमांत किसानों को आसानी से जैविक प्रमाणीकरण प्राप्त करने में मदद करना।
    • जैविक उत्पादों की घरेलू मांग को बढ़ाना।

    योजना निम्नलिखित लाभों द्वारा जैविक कृषि को प्रोत्साहित कर सकती है-

    • योजना से संबंधित प्रक्रियाएँ सरल हैं, दस्तावेज़ बुनियादी हैं तथा किसान स्थानीय भाषा का इस्तेमाल कर सकतें हैं।
    • मूल्यांकनकर्त्ता किसानों के साथ रहते हैं जिससे बेहतर निगरानी संभव हो पाती है, इसके साथ ही तीसरे पक्ष की निगरानी की लागत भी कम होती है।
    • क्षेत्रीय PGS समूहों के मध्य पारस्परिक पहचान तथा सहायता, प्रसंस्करण और विपणन के लिये बेहतर नेटवर्किंग सुनिश्चित करता है।
    • उत्पादक समूह प्रमाणन प्रणाली के विपरीत PGS हर किसान को व्यक्तिगत प्रमाण पत्र प्रदान करता है जिसमें किसान, समूह से अलग अपनी उपज का विपणन करने के लिये स्वतंत्र होता है।
    • यह किसानों को दस्तावेज़ों के प्रबंधन और प्रमाणीकरण प्रक्रिया के लिये महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।

    वस्तुतः जैविक कृषि की ओर उन्मुख होने वाले कृषकों के लिये यह योजना अत्यंत सहायक है किंतु इसमें कुछ सीमाएँ भी हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है-

    • PGS के अंतर्गत व्यक्तिगत किसानों या पाँच सदस्यों से कम किसानों वाले समूहों को शामिल नहीं किया जाता है।
    • PGS किसानों द्वारा उत्पादित उन प्रत्यक्ष उत्पादों पर लागू होता है, जिसमें केवल कृषि गतिविधियाँ जैसे कि फसल उत्पादन, प्रसंस्करण, पशु पालन और ऑफ-फार्म प्रसंस्करण वाले उत्पाद शामिल होते हैं। अतः इसे विस्तृत करने की आवश्यकता है।

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