हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के राज्य विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रही है। इससे भारत के धर्मनिरपेक्ष राज्य होने पर सवाल उठा है। इस मत के पक्ष व विपक्ष में अपने तर्क दीजिये।
09 Sep, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
• परिचय में विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के बारे मरण संक्षेप में बताते हुए भारत की धर्मनिरपेक्षता का भी वर्णन करें। • रिपोर्ट में कही गई बात का आधार बताएँ। • रिपोर्ट के संदर्भ में भारत की धर्मनिरपेक्षता का विश्लेषण कीजिये। • संतुलित निष्कर्ष लिखिये। |
भारत एक बहुधार्मिक समाज है और ऐसे समाज का अस्तित्व तभी संभव है जब सभी धर्मों को बिना किसी भेदभाव के समान सम्मान दिया जाए। भारत में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है, सभी धर्मों के लिये समान सम्मान। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25-28, हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त एक बुनियादी मौलिक अधिकार है जो कि धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के रूप में उद्धृत है। किंतु हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री की भारत यात्रा के बाद उनके मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों की रक्षा न कर पाने की बात कही जो कि भारत की धर्मनिरपेक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगाती है।
रिपोर्ट में कही गई बात के आधार इस प्रकार हैं-
हालाँकि भारत में गाय के नाम पर हत्या, शहरों के नाम में अनावश्यक परिवर्तन आदि चिंता के विषय हैं किंतु अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यकों की रक्षा के संदर्भ में कहा गया कथन पूर्णतः सही नहीं है, भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है तथा वह मूलाधिकारों के द्वारा अल्पसंखयकों की रक्षा का प्रावधान करता है -
निष्कर्षतः भारत में धर्मनिरपेक्षता के तहत गांधी जी की अवधारणा को अपनाया गया है, जिसके अनुसार सभी धर्मों को समान और सकारात्मक रूप से प्रोत्साहित करने की बात की गई है। अतः सरकार का कर्त्तव्य है कि वह अल्पसंखयकों की भावनाओं को आहत करने वाले कृत्यों से दूर रहे ताकि धार्मिक कट्टरपंथी अनुचित लाभ न ले पाएँ और राष्ट्र की एकता तथा अखंडता प्रभावित न हो सके।