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प्रश्न :
राजनय में नैतिकता (डिप्लोमेसी) की क्या आवश्यकता है? उन सिद्धांतों का उल्लेख करें जो वैश्विक कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रशासित करते हैं।
28 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा-
- प्रभावी भूमिका में उदाहरण के माध्यम से कूटनीति या राजनय में नैतिकता की आवश्यकता को समझाएँ।
- तार्किक एवं संतुलित विषय-वस्तु में वैश्विक कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रशासित करने वाले सिद्धांतों का उल्लेख करें।
- प्रश्नानुसार संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
आज हम सभी आपस में जुड़े हुए एक विश्व में रहते हैं और दुनिया के एक हिस्से में होने वाली घटना विश्व के सभी हिस्सों को प्रभावित करती है। इससे पहले भी यूरोप की औद्योगिक क्रांति ने विश्व स्तर पर पूंजी, श्रम और पर्यावरण को प्रभावित किया।
एक देश में गृह युद्ध सीमापार पलायन (क्रॉस बॉर्डर माइग्रेशन) का कारण बन गया है। हालिया उदाहरण के रूप में सीरियाई संकट और अरब संकट को देखा जा सकता है। शरणार्थी समस्या एक देश तक ही सीमित नहीं है, जैसा कि म्याँमार में रोहिंग्या के मामले में देखा जा सकता है। एक देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन ने वैश्विक चिंता को उभारा है।
इन उदाहरणों के माध्यम से कूटनीति में नैतिकता की आवश्यकता का औचित्य सिद्ध किया गया है। इस प्रकार वैश्विक कानून की उपस्थिति और साथ ही दुनिया भर में मानवाधिकारों के संरक्षण में शक्तिशाली देशों के हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। हालाँकि इन हस्तक्षेपों को कुछ सिद्धांतों के आधार पर और अधिक नैतिक होना चाहिये, जैसे-
- राष्ट्रों की सार्वभौमिक समानता।
- देशों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना।
- अन्य देशों के घरेलू मामलों में राजनीतिक स्वतंत्रता और गैर-हस्तक्षेप।
- लोगों के आत्मनिर्णय का अधिकार।
- मानव अधिकारों के विषय में नागरिकों का अधिकार।
- शांतिपूर्ण समाधान का अधिकार।
- गंभीर खतरों के अलावा अकारण हथियारों का उपयोग न करना।
- संधियों के तहत अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का पालन करना।
इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय संबंध और वैश्विक कानूनों को एक आदर्श और समृद्ध विश्व व्यवस्था के लिये उपरोक्त सिद्धांतों का पालन करना चाहिये।
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