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श्रीमती हीराबाई लोबी

श्रीमती हीराबाई लोबी

संक्षिप्त विवरण श्रीमती हीराबाई लोबी

गुजरात के जूनागढ़ के जम्बूर गाँव की  सिद्दी जनजाति की एक महिला हीराबाई इब्राहिम लोबी को पद्म श्री पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है।

सामाजिक कार्य

  • उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा सिद्दी आदिवासी महिलाओं के उत्थान और उनके बच्चों की शिक्षा के लिये समर्पित किया।
  • हीराबाई बचपन से ही रेडियो के माध्यम से महिला विकास योजनाओं की जानकारी प्राप्त करती रहती थीं।
  • वह पहले आगा खान फाउंडेशन (AKF) से जुड़ीं और फिर किसान संगठन बीएआईएफ से जुड़कर उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान चलाया। अब तक वह 700 से ज़्यादा महिलाओं को बैंक अकाउंट खुलवाने के साथ ही उन्हें धन की बचत करना  सिखा चुकी हैं।
    • AKF दुनिया के सबसे गरीब और हाशिये पर जीवन-यापन कर रहे समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिये मानव, वित्तीय और तकनीकी संसाधनों के उचित प्रयोग को सुनिश्चित करता है। 
  • उन्होंने महिलाओं को समाज में आगे लाने में अहम भूमिका निभाई है और उन्हें खेती करना भी सिखाया है। उन्होंने रेडियो के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से महिलाओं को रोज़गार उपलब्ध कराया।
    • उन्होंने समुदाय के बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्रदान करने की भावना से कई किंडरगार्टन स्कूल स्थापित किये हैं।
  • इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2004 में महिला विकास फाउंडेशन की स्थापना की और सिद्दी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये अथक प्रयास किये। हीराबाई के इन प्रयासों के परिणामस्वरूप जंबूर की महिलाओं ने किराने की दुकानों तथा सिलाई का काम कर अपने परिवार की सहायता की
  • अब तक उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, लेकिन जब उन्हें 500 अमेरिकी डॉलर का पहला पुरस्कार मिला, तो उन्होंने वह पूरी राशि  गाँव के विकास में लगा दी।
रतन टाटा

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(लोकोपकार एवं समाज कल्याण)
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