प्रकाश कौर को वर्ष2021 में पद्म श्री पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें पंजाब में परित्यक्त बच्चियों के प्रति उनकी सामाजिक सेवा के लिये प्रदान किया था।
63 वर्षीय, प्रकाश कौर को खुद उनके जैविक माता-पिता ने छोड़ दिया था और उनका पालन-पोषण पंजाब के जालंधर शहर के नारी निकेतन में हुआ था।
सामाजिक कार्य
उन्होंने वर्ष 1993 में आठ परित्यक्त लड़कियों के साथ शुरुआत की थी। नारी निकेतन में अपने जीवन के कई वर्ष बिताने के उपरांत उन्होंने 1993 में इसे छोड़ दिया और परित्यक्त लड़कियों को सुरक्षित और संरक्षित जीवन प्रदान करने के लिये और उन्हें इस देश का गौरवशाली नागरिक बनाने के लिये अपना घर नामक संस्था की शुरुआत की।
कौर वर्तमान में एक "यूनिक होम" चला रही हैं, जिसमें नौ दिवसीय शिशु से लेकर शुरूआती 20 वर्ष तक की 80 परित्यक्त बालिकाएँ रह रही हैं।