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ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन

  • 08 Nov 2022
  • 3 min read

आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीन-संपादित) सुअर के हृदय को मानव में पहली बार प्रत्यारोपण के उपरांत  धड़कने में सामान्य से अधिक समय लगा। इस प्रत्यारोपण के बाद प्राप्तकर्त्ता मानव केवल 61 दिनों तक जीवित रहा।

  • इस तरह के प्रत्यारोपण के पहले के प्रयास विफल रहे हैं।

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ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन:

  • परिचय:
    • ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन के तहत मानव में किसी अन्य जीव के ऊतकों या अंगों का प्रत्यारोपण करना शामिल है।
      • हाल ही में सुअर के हृदय को मानव शरीर में प्रत्यारोपित किया गया, इसमें कोशिकाओं में से शुगर की मात्रा को हटाने (जो शरीर द्वारा किसी बाह्य अंग के अस्वीकरण हेतु उत्तरदायी होता है) के लिये जीन-एडिटिंग को अपनाया गया था।
        • जीन एडिटिंग (जिसे जीनोम एडिटिंग भी कहा जाता है) प्रौद्योगिकियों का एक समुच्चय है जो वैज्ञानिकों को एक जीव के डीएनए (DNA) को बदलने की क्षमता उपलब्ध कराता है।
    • प्रत्यारोपण में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक अंग अस्वीकृति है (यह अस्वीकृति प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होती है जो प्रत्यारोपण को बाह्य के रूप में पहचानती है)।
  • महत्त्व:
    • इस क्षेत्र में किया गया विकास वैश्विक स्तर पर अंगों की कमी की समस्या को हल करने की दिशा में बढ़ाए गए कदमों के साथ हमें करीब ला सकता है।
      • प्रतिवर्ष भारत में यकृत प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले मरज़ों की संख्या 25,000-30,000 होती है, जबकि प्राप्तकर्त्ता लोगों की संख्या मात्र 1500 है।
    • अंग प्रत्यारोपण के संबंध में सुअरों को अधिक प्राथमिकता दी जाने लगी है।
      • अंग खरीद के संबंध में अन्य जानवरों की तुलना में सुअर अधिक फायदेमंद साबित हो सकते हैं, क्योंकि छह महीने में ही उनके विकसित अंग एक वयस्क मानव के अंग आकार के सामान हो सकते हैं।
        • सुअर का शारीरिक मापदंड मनुष्यों के समान होता हैं फार्मों में सूअर का प्रजनन व्यापक और लागत प्रभावी होता है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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