विश्व शौचालय दिवस | 19 Nov 2022
लोगों को स्वस्थ रखने और स्थायी स्वच्छता के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है।
- वर्ष 2022 की थीम: "अदृश्य को दृश्य बनाना" (Making the invisible visible)।
विश्व शौचालय दिवस:
- पृष्ठभूमि:
- विश्व शौचालय दिवस वर्ष 2013 से प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
- उद्देश्य:
- यह वैश्विक स्वच्छता संकट से निपटने और सतत् विकास लक्ष्य (SDG) 6: 2030 तक सभी के लिये स्वच्छता और जल हासिल करने हेतु कार्रवाई करने के बारे में है।
- इस वर्ष का विषय इस बात की पड़ताल करता है कि अपर्याप्त स्वच्छता प्रणाली कैसे मानव अपशिष्ट को नदियों, झीलों और मिट्टी में फैलाती है तथा भूमिगत जल संसाधनों को प्रदूषित करती है।
- यह वैश्विक स्वच्छता संकट से निपटने और सतत् विकास लक्ष्य (SDG) 6: 2030 तक सभी के लिये स्वच्छता और जल हासिल करने हेतु कार्रवाई करने के बारे में है।
- भारत का दृष्टिकोण और उपलब्धियाँ:
- इस वर्ष जल शक्ति मंत्रालय, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत पूरे ग्रामीण भारत में 'स्वच्छता दौड़' का आयोजन कर रहा है।
- SBM-G को दुनिया के सबसे बड़े व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- जब पूरे देश ने वर्ष 2019 में खुले में शौच मुक्त राज्य (ODF) का दर्जा हासिल कर लिया, तब भारत सुरक्षित स्वच्छता तक पहुँच से संबंधित SDG 6.2 पहले ही हासिल कर चुका है; यह अब ODF+ स्थिति हासिल करने के अपने प्रयासों की ओर अग्रसर है।
- इस वर्ष जल शक्ति मंत्रालय, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत पूरे ग्रामीण भारत में 'स्वच्छता दौड़' का आयोजन कर रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (SBM-G):
- परिचय:
- इसे वर्ष 2014 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्राप्त करने के प्रयासों में तेज़ी लाने और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने के लिये लॉन्च किया गया था।
- मिशन को राष्ट्रव्यापी अभियान/जनांदोलन के रूप में लागू किया गया था जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच को समाप्त करना था।
- स्वच्छ भारत मिशन (G) चरण- I:
- भारत में 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की शुरुआत के समय ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 38.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
- इस मिशन के अंतर्गत 10 करोड़ से ज़्यादा व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया जिसके परिमाणस्वरूप सभी राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों ने स्वयं को 2 अक्तूबर, 2019 को ODF घोषित कर दिया।
- SBM (G) चरण- II:
- यह चरण I के तहत प्राप्त की गई उपलब्धियों की स्थिरता और ग्रामीण भारत में ठोस/तरल एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) के लिये पर्याप्त सुविधाएँ प्रदान करने पर ज़ोर देता है।
- कार्यान्वयन: स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण- II को वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की अवधि के लिये 1,40,881 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ एक मिशन के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा।
- ODF प्लस के SLWM घटक की निगरानी निम्नलिखित चार संकेतकों के आधार पर की जाएगी-
- प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन
- जैव अपघटित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (जिसमें पशु अपशिष्ट प्रबंधन शामिल है)
- धूसर जल प्रबंधन
- मलयुक्त कीचड़ प्रबंधन
- शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य:
- शीर्ष प्रदर्शन करने वाले पाँच राज्य तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश हैं जहाँ अधिकतम गाँवों को ODF प्लस घोषित किया गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न . "जल, स्वच्छता और स्वच्छता को संबोधित करने वाली नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये लाभार्थी वर्गों की पहचान को प्रत्याशित परिणामों के साथ सिंक्रनाइज़ किये जाने की ज़रूरत है। WASH योजना के संदर्भ में इस कथन की जाँच कीजिये। (2017) प्रश्न . स्वच्छ भारत अभियान की सफलता में सामाजिक प्रभाव और अनुनय कैसे योगदान दे सकता है? चर्चा कीजिये। (2016) |