विश्व कपास दिवस 2023 | 11 Oct 2023
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में वस्त्र मंत्रालय ने भारतीय कपास निगम (CCI) और EU-संसाधन दक्षता पहल के सहयोग से विश्व कपास दिवस (7 अक्तूबर, 2023) के लिये एक सम्मेलन की मेज़बानी की जिसमें कपास मूल्य शृंखला में सर्वोत्तम प्रथाओं एवं संधारणीय तरीकों पर चर्चा की गई।
- सम्मेलन में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का उपयोग करके "बेल आइडेंटिफिकेशन एंड ट्रैसेबिलिटी सिस्टम" (BITS) की शुरुआत की गई।
- इसने ट्रेसेबिलिटी के साथ गुणवत्तापूर्ण कपास के लिये Kasturi कपास कार्यक्रम की शुरुआत भी की।
बेल आइडेंटिफिकेशन एंड ट्रैसेबिलिटी सिस्टम (BITS) और कस्तूरी कपास कार्यक्रम
- बेल आइडेंटिफिकेशन एंड ट्रैसेबिलिटी सिस्टम (BITS):
- BITS कपास उद्योग में एक तकनीकी पहल है जिसमे कपास के बंडलों को विशिष्ट QR कोड निर्दिष्ट करने के लिये ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है।
- उद्देश्य:
- BITS को यह सुनिश्चित करने के लिये पेश किया गया था कि कपास की गाँठों के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी, जैसे कि उनकी गुणवत्ता, विविधता, उत्पत्ति और प्रसंस्करण विवरण, घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रकार के खरीदारों के लिये पारदर्शिता एवं सुलभता से उपलब्ध हो।
- कपास की जानकारी:
- कपास खरीदार, कपड़ा उत्पादक और अन्य जैसे हितधारक QR कोड को स्कैन करके कपास के बंडलों की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- कार्यान्वयन:
- BITS को भारतीय कपास निगम (Cotton Corporation of India- CCI) द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से कार्यान्वित किया जाता है।
- कस्तूरी कपास कार्यक्रम:
- कस्तूरी कपास कार्यक्रम भारत में वस्त्र मंत्रालय द्वारा प्रीमियम गुणवत्ता वाले कपास के उत्पादन और उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गई एक पहल है।
- इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन की देखरेख वस्त्र मंत्रालय के संरक्षण में CCI और TEXPROCIL द्वारा की जा रही है।
- प्रमाणित गुणवत्ता:
- कस्तूरी कपास कोई साधारण कपास नहीं है; यह कुछ गुणवत्ता मानकों को पूरा करने वाला प्रमाणित कपास है जिसमें फाइबर की लंबाई, मज़बूती, रंग और अन्य विशेषताएँ शामिल हैं जो इसे प्रीमियम वस्त्र उत्पादों के लिये उपयुक्त बनाती हैं।
- कस्तूरी कपास कार्यक्रम भारत में वस्त्र मंत्रालय द्वारा प्रीमियम गुणवत्ता वाले कपास के उत्पादन और उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गई एक पहल है।
कपास से संबंधित प्रमुख बिंदु:
- परिचय: यह एक प्रमुख खरीफ फसल है जिसे पूरी तरह तैयार होने में लगभग 6 से 8 महीने लगते हैं।
- इसे शुष्क जलवायु में भी उगाया जा सकता है।
- विश्व के 2.1% कृषि योग्य भूमि पर कपास की खेती की जाती है, यह विश्वभर में 27% वस्त्र आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
- तापमान: लगभग 21-30°C के बीच
- वर्षा: लगभग 50-100 से.मी.
- मृदा का प्रकार: अच्छी जल निकासी वाली काली कपास मृदा (रेगुर मृदा) (जैसे दक्कन पठार की मृदा)
- उत्पाद: फाइबर, तेल और पशु आहार।
- शीर्ष कपास उत्पादक देश: भारत > चीन > अमेरिका
- भारत में शीर्ष कपास उत्पादक राज्य: गुजरात > महाराष्ट्र > तेलंगाना > आंध्र प्रदेश > राजस्थान।
- कपास की चार कृषि योग्य प्रजातियाँ: गॉसिपियम आर्बोरियम, जी.हर्बेसियम, जी.हिरसुटम और जी.बारबाडेंस।
- गॉसिपियम आर्बोरियम और जी.हर्बेशियम को ओल्ड वर्ल्ड कॉटन अथवा एशियाई कपास के रूप में जाना जाता है।
- जी. हिरसुटम को ‘अमेरिकन कॉटन’ या ‘अपलैंड कॉटन’ और जी. बारबडेंस को ‘इजिप्शियन कॉटन’ के रूप में भी जाना जाता है। ये दोनों नई वैश्विक कपास प्रजातियाँ हैं।
- हाइब्रिड कपास: यह विभिन्न आनुवंशिक विशेषताओं वाले दो मूल पौधों के संक्रमण द्वारा बनाया गया कपास है। हाइब्रिड अक्सर प्रकृति में अनायास और बेतरतीब ढंग से निर्मित होते हैं जब खुले-परागण वाले पौधे अन्य संबंधित किस्मों के साथ स्वाभाविक रूप से पर-परागण करते हैं।
- बी.टी. कपास: यह आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव अथवा कपास की आनुवंशिक रूप से संशोधित कीट-रोधी किस्म है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न1. भारत में काली कपास मृदा की रचना निम्नलिखित में से किसके अपक्षयण से हुई है? (2011) (a) भूरी वन मृदा उत्तर: (b) प्रश्न 2. निम्नलिखित विशेषताएँ भारत के एक राज्य की विशिष्टताएँ हैंः (2011)
उपर्युक्त सभी विशिष्टताएँ निम्नलिखित में से किस एक राज्य में पाई जाती हैं? (a) आंध्र प्रदेश उत्तर: (b) प्रश्न 3. भारत में पिछले पांँच वर्षों में खरीफ फसलों की खेती के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (a) |