भारतीय अर्थव्यवस्था
विश्व कपास दिवस
- 09 Oct 2019
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चर्चा में क्यों?
भारत सरकार का कपड़ा मंत्रालय 7 अक्तूबर से 11 अक्तूबर, 2019 तक जिनेवा में मनाए जा रहे विश्व कपास दिवस (World Cotton Day) में भाग ले रहा है।
आयोजन से संबंधित मुख्य बिंदु:
- कार्यक्रम की मेज़बानी चार प्रमुख कपास उत्पादक देशों बेनिन, बुर्किना फासो, चाड और माली के अनुरोध पर WTO द्वारा किया जाएगा।
- विश्व कपास दिवस कार्यक्रम का आयोजन विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation- WTO) द्वारा संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization- FAO), व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nations Conference on Trade and Development- UNCTAD), अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र (International Trade Centre- ITC) और अंतर्राष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति (International Cotton Advisory Committee- ICAC) के सचिवालयों के सहयोग से किया जाएगा।
- विश्व कपास दिवस के अवसर पर प्राकृतिक फाइबर के रूप में इसके गुणों से लेकर इसके उत्पादन, रूपांतरण, व्यापार और उपभोग से लोगों को मिलने वाले लाभों को शामिल किया जाएगा।
- विश्व कपास दिवस के आयोजन के माध्यम से दुनिया भर में कपास प्रधान अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला जाएगा, क्योंकि कपास दुनिया भर के अधिकांश अल्प-विकसित, विकासशील और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के लिये महत्वपूर्ण है।
- इन गतिविधियों को देश स्तर पर आयोजित किया जाएगा और विश्व व्यापार संगठन के मुख्यालय में इसका सीधा प्रसारण (Livestreaming) किया जाएगा।
उद्देश्य:
- कपास और इसके उत्पादन, रूपांतरण एवं व्यापार से जुड़े सभी हितधारकों का प्रदर्शन करना तथा मान्यता प्रदान करना।
- दाताओं और लाभार्थियों को जोड़ने और कपास के लिये विकास सहायता को मजबूत करना।
- कपास से संबंधित उद्योगों और विकासशील देशों में उत्पादन के लिये निजी क्षेत्र और निवेशकों के साथ नए सहयोग की तलाश करना।
- तकनीकी विकास को बढ़ावा देना।
- कपास संबंधी अनुसंधान और विकास करना।
- सदस्यों, निजी क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय विकास समुदाय को ज्ञान साझा करने और कपास से संबंधित गतिविधियों और उत्पादों का प्रदर्शन करने का एक अवसर प्रदान करना।
अन्य महत्त्वपूर्ण आयोजन:
- कपास मूल्य श्रृंखला के महत्त्व को रेखांकित करने वाले मजबूत और सकारात्मक संदेशों को संप्रेषित करने के लिये दुनिया भर के फोटोग्राफरों को प्रोत्साहित करने हेतु एक फोटो प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
- अफ्रीका पर विशेष फोकस के साथ दुनिया के विभिन्न हिस्सों के कपास से जुड़े फैशन और डिजाइनरों के प्रदर्शन के लिए एक विशेष फैशन इवेंट का आयोजन किया जाएगा।
भारत की भागीदारी:
- विश्व कपास दिवस प्रदर्शनी में भारतीय खेमे का नेतृत्व एवं रूपांकन (Designe) भारत में फैशन शिक्षा क्षेत्र के अग्रणी संस्थान NIFT द्वारा किया जायेगा।
- एक कपास प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा, जिसमें भारत की ओर से सूती वस्त्र निर्यात संवर्द्धन परिषद (The Cotton Textiles Export Promotion Council- TEXPROCIL), हथकरघा निर्यात संवर्द्धन परिषद (Handloom Export Promotion Council- HEPC), भारतीय कपास निगम (Cotton Corporation of India- CCI) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (National Institute of Fashion Technology- NIFT) अपने स्टॉल लगाएंगे।
- CCI द्वारा कच्चे कपास के विभिन्न किस्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। जैसे कि-
- सुविन (SUVIN), जो भारत में उत्पादित दुनिया का सबसे लंबा और बेहतरीन कपास फाइबर है। यह विशेष रूप से तमिलनाडु में उगाया जाता है।
- कर्नाटक राज्य के धारवाड़ में उगाए जाने वाले गहरे भूरे, मध्यम भूरे, हरे और क्रीम आदि रंगों वाले प्राकृतिक रंगीन कपास। प्राकृतिक रूप से रंगीन होने के कारण इसमें सिंथेटिक रंजक का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती, फलतः इससे बने कपड़ों की विषाक्तता कम हो जाती है।
- गांधी जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में कपास से बनी महात्मा गांधी की एक मूर्ति का प्रदर्शन किया जाएगा।
- सूती वस्त्र निर्यात संवर्द्धन परिषद (The Cotton Textiles Export Promotion Council- TEXPROCIL) द्वारा प्रदर्शनी में भारत के उच्च गुणवत्ता वाले सूती वस्त्रों का प्रदर्शन किया जाएगा।
- प्रदर्शनी में HEPC भारत के प्रमुख समूहों द्वारा हाथ से बुने हुए उत्पादों का प्रदर्शन करेगी और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बुनकर पिट्टा रामुलु द्वारा चरखे का लाइव प्रदर्शन भी किया जाएगा। आयोजन के बाद इस चरखे को विश्व व्यापार संगठन को दान किया जाएगा।
- भौगोलिक संकेतक का दर्जा प्राप्त वेंकटगिरी, चंदेरी, माहेश्वरी और इकत साड़ी को कई अन्य पारंपरिक भारतीय वस्त्रों और जैविक सूती कपड़ों के साथ प्रदर्शित किया जाएगा।
आयोजन की प्रासंगिकता:
- कपास एक वैश्विक वस्तु है जिसका उत्पादन दुनिया भर में किया जाता है।
- एक टन कपास का प्रति वर्ष औसतन पाँच लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
- कपास शुष्क-प्रतिरोधी फसल है, जो शुष्क जलवायु के लिये आदर्श फसल है।
- इसके लिये दुनिया की कृषि योग्य भूमि का केवल 2.1% हिस्सा उपयोग किया जाता है, किंतु यह दुनिया के 27% वस्त्रों की ज़रूरत को पूरा करता है।
- कपड़ा और परिधान हेतु उपयोग के अलावा, खाद्य उत्पाद (जैसे कि खाद्य तेल) और बीज से पशु आहार का निर्माण आदि के लिये भी कपास का प्रयोग किया जाता है।