नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024

  • 15 Mar 2025
  • 6 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

स्विस कंपनी IQAir द्वारा जारी विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 के अनुसार भारत विश्व में 5वाँ सर्वाधिक प्रदूषित देश है।

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट संबंधी मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?

  • भारत: भारत वर्ष 2024 में 5वाँ सर्वाधिक प्रदूषित देश है, जो वर्ष 2023 के तीसरे स्थान से नगण्य सुधार को दर्शाता है।
    • प्रदूषित शहर: दिल्ली विश्व स्तर पर सर्वाधिक प्रदूषित राजधानी बनी हुई है, जहाँ पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 की सांद्रता 91.6 µg/m³ (माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) है।
      • विश्व के 10 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से 6 और शीर्ष 20 में से 13 शहर भारत में हैं, जिसमें बर्नीहाट (असम-मेघालय सीमा) 128.2 µg/m³ की PM2.5 सांद्रता के साथ सूची में सर्वाधिक प्रदूषित शहर है। 
        • अन्य प्रदूषित शहरों में मुल्लांपुर (पंजाब), गुरुग्राम, फरीदाबाद , भिवाड़ी और नोएडा शामिल हैं।
    • PM 2.5 में कमी: भारत में वर्ष 2024 में PM2.5 के स्तर में 7% की कमी देखी गई, जो औसतन 50.6 µg/m³ थी, जो वर्ष 2023 में 54.4 µg/m³ से कम है।
      • हालाँकि, यह अभी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अनुशंसित 5 µg/m³ की सुरक्षित सीमा से 10 गुना अधिक है। 35% भारतीय शहरों में PM2.5 का स्तर इस सीमा से अधिक पाया गया।
    • प्रदूषण के स्रोत: प्रमुख योगदानकर्त्ताओं में वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक प्रदूषण और बायोमास दहन शामिल हैं।
      • उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर अत्यधिक था, जहाँ PM2.5 के स्तर में 60 प्रतिशत योगदान पराली जलाने का था।
  • वैश्विक: वार्षिक औसत PM2.5 स्तर के अनुसार सबसे प्रदूषित देश चाड (91.8 µg/m³), बांग्लादेश (78 µg/m³), पाकिस्तान (73.7 µg/m³) और कांगो (58.2 µg/m³) हैं।
    • रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्व की अधिकांश आबादी प्रदूषित वायु में साँस ले रही है, केवल 12 देशों, क्षेत्रों या प्रदेशों में PM 2.5 सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनुशंसित सीमा से कम है।

वायु प्रदूषण

  • वायु प्रदूषण, रासायनिक, भौतिक या जैविक कारकों द्वारा वायु का संदूषण है जो इसकी प्राकृतिक संरचना को बदल देता है।
    • प्रमुख स्रोतों में दहन, वाहन, उद्योग और आग शामिल हैं। PM, CO, O₃, NO₂ और SO₂ जैसे प्रदूषक श्वसन संबंधी बीमारियों और उच्च मृत्यु दर का कारण बनते हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार विश्व की 99% आबादी प्रदूषित हवा में साँस लेती है तथा निम्न और मध्यम आय वाले देश इससे सबसे अधिक प्रभावित हैं।
    • लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ स्टडी के अनुसार, लंबे समय तक PM 2.5 के संपर्क में रहने से भारत में जीवन प्रत्याशा 5.2 वर्ष कम हो जाती है और यह कारक वर्ष 2009 से 2019 के बीच होने वाली 1.5 मिलियन वार्षिक मौतों से संबंधित है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश (AQG) का उद्देश्य वायु प्रदूषण कम करने एवं लोक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करना है।

WHO_Air_Quality_Guidelines Air_Pollutants

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रश्न: हमारे देश के शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक के मूल्य की गणना में सामान्यतः निम्नलिखित में से किस वायुमंडलीय गैस को ध्यान में रखा जाता है? (2016)

  1. कार्बन डाइऑक्साइड
  2.  कार्बन मोनोऑक्साइड
  3.  नाइट्रोजन डाइऑक्साइड
  4.  सल्फर डाइऑक्साइड
  5.  मीथेन

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर के सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 4 और 5
(d) 1,2,3,4 और 5

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हाल ही में जारी संशोधित वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों (AQGs) के प्रमुख बिंदुओं का वर्णन करें। ये वर्ष 2005 में इसके पिछले अद्यतन से किस प्रकार भिन्न हैं? संशोधित मानकों को प्राप्त करने के लिये भारत के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में क्या बदलाव आवश्यक हैं? (2021)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2