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विंडफॉल टैक्स

  • 04 Jul 2024
  • 2 min read

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

हाल ही में भारत सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 3,250 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 6,000 रुपए प्रति टन कर दिया है।

  • विंडफॉल टैक्स एक प्रकार का कर है जो उन कंपनियों अथवा व्यक्तियों पर लगाया जाता है जिन्होंने अप्रत्याशित रूप से अथवा नाटकीय रूप से अत्यधिक लाभ अर्जित किया है, जो प्राय: उनके नियंत्रण से परे बाह्य कारकों के कारण होता है।
    • यह सामान्यतः तेल, गैस एवं खनन जैसे उद्योगों पर लगाया जाता है।
    • इसका उद्देश्य कम्पनियों द्वारा अर्जित असाधारण लाभ का एक हिस्सा प्राप्त करना तथा उसे सार्वजनिक हित के लिये पुनर्वितरित करना है।
    • यह ऊर्जा उद्योग में पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं उत्तरदायित्वपूर्ण आर्थिक प्रथाओं को बढ़ावा देने हेतु एक रणनीतिक उपाय है।
  • इस बढ़ोतरी से भारत में कार्यरत तेल कंपनियों के लाभ प्रभावित होगा और साथ ही उनकी आय भी कम हो जाएगी।
  • भारत ने पहली बार 1 जुलाई 2022 को विंडफॉल लाभ पर कर लागू किया, जो अन्य देशों के साथ संरेखित है जो ऊर्जा कंपनियों के अत्यधिक लाभ पर कर लगाते हैं।
  • कर दरों का प्रति दो सप्ताह में पुनर्मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें पिछले पखवाड़े की अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों को ध्यान में रखा जाता है।

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