पश्चिम बंगाल ने पोइला बोइशाख को राज्य स्थापना दिवस के रूप में अपनाया | 12 Sep 2023
स्रोत: द हिंदू
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने हाल ही में बांग्ला कैलेंडर के पहले दिन 'पोइला बोइशाख' को 'बांग्ला दिवस' या पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस घोषित करके एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया।
- इससे पहले वर्ष 2023 में पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस को लेकर एक विवाद सामने आया था जब राजभवन ने आधिकारिक तौर पर 20 जून को राज्य स्थापना दिवस घोषित किया था। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ने तर्क दिया कि 20 जून, जिसका संबंध विभाजन से है, राज्य की स्थापना के लिये प्रासंगिक नहीं है।
- साथ ही विधानसभा ने रवींद्रनाथ टैगोर के 'बांग्लार माटी बांग्लार जोल' को पश्चिम बंगाल का आधिकारिक गीत बनाने के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी।
पोइला बोइशाख:
- पोइला बोइशाख पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, झारखंड और असम में बंगाली समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है। यह बांग्लादेश में भी मनाया जाता है।
- यह बंगाली नववर्ष का प्रतीक है और वर्ष 2023 में यह 15 अप्रैल को मनाया गया।
बंगाल के लिये 20 जून का महत्त्व:
- 20 जून, 1947 को बंगाल के भविष्य के बारे में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने के लिये बंगाल विधानसभा सदस्यों की बैठक हुई।
- उनके पास तीन विकल्प थे: पूरे बंगाल को भारत के अंतर्गत रखें, इसे बंगाली मुसलमानों और हिंदुओं के लिये क्रमशः पूर्वी बंगाल और पश्चिम बंगाल में विभाजित करें या इसे भारत तथा पाकिस्तान के बीच विभाजित करें।
- महत्त्वपूर्ण दौर के मतदान के बाद बंगाल को पश्चिम बंगाल और पूर्वी पाकिस्तान (जो बाद में बांग्लादेश बन गया) में विभाजित करने का निर्णय लिया गया तथा सीमा को चिह्नित करने के लिये बाद में रेडक्लिफ रेखा का निर्माण किया गया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. रैडक्लिफ समिति किसलिये नियुक्त की गई थी? (2014) (a) भारत में अल्पसंख्यकों की समस्या को सुलझाने के लिये। उत्तर: C |