नशे के लिये सर्प-विष का प्रयोग | 21 Mar 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 तथा भारतीय दंड संहिता (भारतीय न्याय संहिता, 2023) के तहत एक रेव पार्टी में कथित तौर पर सर्प-विष उपलब्ध कराने के आरोप में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।
सर्प-विष एवं उसके उपयोग के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय:
- वैश्विक स्तर पर लगभग 3400 सर्प प्रजातियों में से, भारत में सर्प की लगभग 300 प्रजातियाँ हैं जो पूरे देश में विभिन्न स्थानों में पाई जाती हैं।
- सर्पों के प्रकार: यह प्रजाति 4 परिवारों के अंतर्गत आती है- कोलुब्रिडे, एलापिडे, हाइड्रोफिडे एवं वाइपरिडे।
- विषैले सर्प: भारत में पाई जाने वाली 300 से अधिक प्रजातियों में से 60 अधिक विषैली, 40 कम विषैली और लगभग 180 विषैली नहीं है।
- सर्प-विष (अत्यधिक विषैला लार) विषैले सर्पों द्वारा स्राव के माध्यम से किया जाता है, जो विशेष ग्रंथियों में संश्लेषित और संग्रहित होता है।
- विष की विशेषता: सर्प-विष विशिष्ट रासायनिक एवं जैविक गतिविधियों के साथ कम आणविक द्रव्यमान वाले एंज़ाइमों, पेप्टाइड्स एवं प्रोटीन का एक जटिल मिश्रण है।
- सर्प-विष में कई न्यूरोटॉक्सिक, कार्डियोटॉक्सिक और साइटोटॉक्सिक, तंत्रिका वृद्धि कारक, लेक्टिन, डिसइंट्रिग्रिन, हेमोरेजिन तथा कई अन्य विभिन्न एंज़ाइम होते हैं।
- सर्प-विष का प्रयोग:
- कुछ विशेष सर्प प्रजातियों, जैसे- कोबरा, करैत और ब्लैक माम्बा का उपयोग औषधीय तथा बेहोशी के प्रयोजनों के लिये किया जाता है।
- औषधीय उपयोग:
- आयुर्वेद, होम्योपैथी और लोक चिकित्सा में विभिन्न पैथोफिजियोलॉजिकल स्थितियों के लिये सर्पविष के उपयोग का उल्लेख किया गया है।
- इसका उपयोग थ्रोम्बोसिस, गठिया, कैंसर और कई अन्य बीमारियों के इलाज़ के लिये भी किया जाता है।
- सबसे प्रसिद्ध उदाहरणों में से एक एंटीवेनम उत्पादन में सर्पविष का उपयोग है।
- मादक उपयोग:
- कम वैज्ञानिक अनुसंधान के बावजूद, सर्प-विष को प्रायः मादक औषधि/पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है। इसकी तस्करी करोड़ों डॉलर का अवैध उद्योग है।
- कोबरा के विष में पाए जाने वाले न्यूरोटॉक्सिन के विभिन्न रूप, विशेष रूप से, निकोटिनिक एसिटाइलकोलाइन रिसेप्टर्स (nAChRs) पर बंध बनाते हैं जो मानव मस्तिष्क क्षेत्र में व्यापक रूप से वितरित होकर उत्साहपूर्ण अनुभव प्रदान करते हैं।
- लोग "मांसपेशिय पक्षाघात और एनाल्जेसिया" (चेतन रहते हुए भी दर्द महसूस करने की क्षमता का ह्रास) तथा उनींदापन का भी अनुभव करते हैं।
- विनियमन:
- अधिकांश मनो-सक्रिय 'दुरुपयोगी पदार्थों' का उपयोग और व्यापार नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम के तहत आता है, लेकिन सर्प-विष के तहत नहीं।
- NDPS अधिनियम, 1985 किसी व्यक्ति को किसी भी नशीली दवा या मनो-दैहिक पदार्थों के उत्पादन, रखने, बेचने, खरीदने, परिवहन, भंडारण और/या उपभोग करने पर प्रतिबंध लगाता है।
- सर्प और उनके विष से जुड़े मामले वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के दायरे में आते हैं।
- IPC की धारा 120A (आपराधिक षडयंत्र) में मनोरंजन (Recreational) के लिये सर्प-विष से संबंधित अपराध भी शामिल हैं।
- अधिकांश मनो-सक्रिय 'दुरुपयोगी पदार्थों' का उपयोग और व्यापार नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम के तहत आता है, लेकिन सर्प-विष के तहत नहीं।
नोट:
- नशीले पदार्थ केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर कार्य करते हैं और व्यक्ति की मनोदशा, धारणा तथा चेतना को बदल देते हैं।
- साइकोएक्टिव पदार्थ की प्रकृति के आधार पर, वे या तो मामूली प्रकार के मनोवैज्ञानिक प्रभाव उत्पन्न करते हैं, जैसे- उत्साह, चिंता, पृथक्करण, भावनात्मक कुंदता आदि या अधिक असामान्य प्रभाव, जैसे- मतिभ्रम, सिनेस्थेसिया, परिवर्तित स्थान-समय सातत्य और रहस्यमय अनुभव।
- सबसे अधिक उपयोग किये जाने वाले हेलुसीनोजेन में मशरूम, कैनबिस, मेस्केलिन, लिसेर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड (LSD), डाइमिथाइलट्रिप्टामाइन (DMT) और मेथिलीनडाइऑक्सीमेथामफेटामाइन (MDMA) शामिल हैं।
- आमतौर पर उपयोग किये जाने वाले जीव-जंतु में से कुछ हैं- क्लाउनफिश और रैबिटफिश जैसी हेलुसीनोजेनिक मछलियाँ, टोड जैसे उभयचर, लाल हार्वेस्टर चींटियाँ जैसी चींटियाँ, इंडियन वॉल लिज़र्ड जैसे सरीसृप और जिराफ के यकृत तथा अस्थि मज्जा।
और पढ़ें: सर्पदंश विष
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (d) प्रश्न. किंग कोबरा एकमात्र ऐसा सर्प है जो अपना घोंसला स्वयं बनाता है। यह अपना घोंसला क्यों बनाता है? (2010) (a) यह सर्प खाता है और घोंसला अन्य सर्पों को आकर्षित करने में मदद करता है। उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित में से किस सर्प का आहार मुख्यतः अन्य सर्प होते हैं? (2008) (a) करैत उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. क्या एंटीबायोटिकों का अति-उपयोग और डॉक्टरी नुस्खे के बिना मुक्त उपलब्धता, भारत में औषधि-प्रतिरोधी रोगों के अंशदाता हो सकते हैं? अनुवीक्षण और नियंत्रण की क्या क्रियाविधियाँ उपलब्ध हैं? इस संबंध में विभिन्न मुद्दों पर समालोचनात्मक चर्चा कीजिये। (2014) |