रैपिड फायर
संयुक्त राष्ट्र निकाय ने NHRC की मान्यता का स्थगन
- 15 May 2024
- 2 min read
स्रोत: द हिंदू
जिनेवा में स्थित और संयुक्त राष्ट्र (UN) से संबद्ध ग्लोबल अलायंस ऑफ नेशनल ह्यूमन राइट्स इंस्टीट्यूशंस (GANHRI) ने लगातार दूसरे वर्ष भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की मान्यता को स्थगित कर दिया है।
- यह निर्णय मानवाधिकार परिषद और कुछ UNGA निकायों में भारत के मतदान अधिकारों को प्रभावित कर सकता है।
- GANHRI उन संस्थानों को A-स्टेटस देता है जो मानवाधिकारों की रक्षा में स्वतंत्रता और प्रभावशीलता के कुछ मानदंडों को पूरा करते हैं।
- वर्ष 1999 में NHRI के लिये मान्यता प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से NHRC को A-स्टेटस से मान्यता प्राप्त है, जिसे उसने वर्ष 2006, 2011 और 2017 में स्थगन के बाद भी बरकरार रखा।
- हालाँकि, वर्ष 2023 और 2024 में भारत के NHRC को लगातार दो वर्षों के लिये A-स्टेटस निलंबित कर दिया गया था।
- वर्ष 1999 में NHRI के लिये मान्यता प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से NHRC को A-स्टेटस से मान्यता प्राप्त है, जिसे उसने वर्ष 2006, 2011 और 2017 में स्थगन के बाद भी बरकरार रखा।
- GANHRI की नवीनतम रिपोर्ट अभी भी प्रतीक्षित है। हालाँकि, इसकी पिछली रिपोर्ट (वर्ष 2023 की रिपोर्ट) में स्थगन की सिफारिश के लिये कई कारण बताए गए थे। इनमें शामिल हैं:
- संरचना: NHRC में सदस्यों की नियुक्ति में पारदर्शिता का अभाव,
- मानवाधिकार जाँच की निगरानी के लिये पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति
- सदस्य पैनल में लिंग और अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व का अभाव
- NHRC "सरकारी हस्तक्षेप से स्वतंत्र रूप से काम करने में सक्षम" होने के लिये आवश्यक स्थितियाँ बनाने में भी विफल रहा है।
और पढ़ें: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)