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भारत में विदेशी विश्वविद्यालय की शाखा स्थापित करने हेतु UGC विनियम

  • 11 Nov 2023
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने दुनिया के शीर्ष 500 में शामिल विदेशी विश्वविद्यालयों के लिये भारत में शाखा स्थापित करने हेतु विनियम जारी किये हैं।

  • UGC का यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, यह भारत में शीर्ष वैश्विक विश्वविद्यालयों के लिये एक विधायी ढाँचा परिकल्पित करता है।
  • ये दिशानिर्देश UGC द्वारा विदेशी विश्वविद्यालयों के लिये घोषित मसौदा मानदंडों को फीडबैक के लिये सार्वजनिक किये जाने के बाद अधिसूचित किये गए हैं।

इन विनियमों के मुख्य पहलू क्या हैं?

  • सहयोगात्मक पहल:
    • दो अथवा दो से अधिक विदेशी विश्वविद्यालय भारत में परिसर स्थापित करने के लिये सहयोग कर सकते हैं।
      • प्रत्येक भाग लेने वाले संस्थान को व्यक्तिगत पात्रता मानदंडों को पूर्ण करना होगा।
      • प्रत्येक विदेशी विश्वविद्यालय के पास देश में एक से अधिक परिसर स्थापित करने का अवसर है।
  • संकाय सहभागिता आवश्यकताएँ:
    • भारतीय परिसरों के लिये नियुक्त अंतर्राष्ट्रीय संकाय को कम से कम एक सेमेस्टर के लिये देश में कार्य करने के लिये प्रतिबद्ध रहना होगा।
      • यह शिक्षा के माहौल में निरंतर एवं सार्थक योगदान सुनिश्चित करता है।
  • संशोधित आवेदन प्रक्रिया:
    • स्थायी समिति के लिये आवेदनों पर कार्रवाई करने का समय 45 से बढ़ाकर 60 दिन कर दिया गया है।
      • समिति की सिफारिशों को परिशोधित 60-दिवसीय समय सीमा के भीतर UGC के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिये।
  • विदेशी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता:
    • विदेशी विश्वविद्यालयों को अपनी प्रवेश प्रक्रिया निर्धारित करने, शुल्क संरचना तय करने तथा विदेशों में स्थित अपने मूल परिसरों में धन वापस भेजने की अनुमति भी प्राप्त है।
  • परिचालन पर प्रतिबंध:
    • विदेशी विश्वविद्यालयों को आयोग की पूर्व मंज़ूरी के बिना शिक्षण केंद्र, अध्ययन केंद्र अथवा प्रतिनिधि कार्यालय के रूप में कार्य करने वाली फ्रेंचाइज़ी स्थापित करने से प्रतिबंधित किया गया है।
      • उनके भारतीय परिसरों में कोई भी नया कार्यक्रम शुरू करने से पूर्व आयोग का अनुमोदन अनिवार्य है।
  • ऑनलाइन लर्निंग की बाधाएँ:
    • इन विनियमों के तहत पाठ्यक्रम ऑनलाइन अथवा मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा मोड के रूप में प्रस्तुत नहीं किये जा सकते हैं।
      • ऑनलाइन मोड में व्याख्यान की अनुमति है, लेकिन उन्हें संबद्ध पाठ्यक्रम की आवश्यकताओं के 10% से अधिक नहीं होना चाहिये।
  • वित्तीय संबंधी सम्भावनाएँ:
    • विदेशी विश्वविद्यालयों को एक बार के आवेदन शुल्क के अतिरिक्त UGC को वार्षिक शुल्क का भुगतान करने से भी छूट प्रदान की गई है।
      • भारत में परिसरों की स्थापना के लिये विदेशी विश्वविद्यालयों को अपने स्वामित्व वाले बुनियादी ढाँचे, भूमि तथा संसाधनों का उपयोग करके उनका वित्तपोषण करना चाहिये। 
  • छात्रवृत्ति एवं शुल्क रियायतें:
    • विदेशी विश्वविद्यालयों को भारतीय छात्रों को पूर्ण अथवा आंशिक योग्यता-आधारित तथा आवश्यकता-आधारित छात्रवृत्ति एवं शुल्क रियायतें प्रदान करने के लिये प्रोत्साहित किया गया है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC):

  • यह 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया और साथ ही वर्ष 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा विश्वविद्यालय शिक्षा में शिक्षण, परीक्षा एवं अनुसंधान के मानकों के समन्वय, निर्धारण तथा रखरखाव के लिये एक वैधानिक निकाय बन गया।
    • यह फर्ज़ी विश्वविद्यालयों, स्वायत्त महाविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालय (उच्च शिक्षा संस्थान, जो विश्वविद्यालय नहीं हैं लेकिन अक्सर शिक्षा की उनकी उच्च गुणवत्ता को मान्यता दी जाती है) और दूरस्थ शिक्षा संस्थानों की मान्यता को भी नियंत्रित करता है।
  • UGC का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से कौन-से प्रावधान शिक्षा पर प्रभाव डालते हैं? (2012)

  1. राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व 
  2. ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय 
  3. पंचम अनुसूची 
  4. षष्ठ अनुसूची 
  5. सप्तम अनुसूची 

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3, 4 और 5
(c) केवल 1, 2 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (d)

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