ट्राइकोफाइटन इंडोटिनी | 18 Jan 2025
भारत और 13 अन्य देशों के त्वचा विशेषज्ञों ने नवीन कवक प्रजाति, Trichophyton (T.) Indotineae के क्षेत्र-विशिष्ट नामकरण की आलोचना की है।
- Trichophyton (T.) indotineae: यह एक नवीन कवक प्रजाति है, जिसके कारण त्वचा संबंधी ऐसे संक्रमण होते हैं जिनका उपचार करना कठिन होता है तथा यह प्रजाति सामान्यतः अधिकांश एंटीफंगल उपचारों के प्रति प्रतिरोधी होती है।
- T. indotineae की पहचान सबसे पहले वर्ष 2020 में जापानी त्वचा विशेषज्ञों द्वारा भारत और नेपाल के रोगियों में की गई थी और तभी से 40 से अधिक देशों में इसका पता लगाया गया है।
- इसकी उत्पत्ति को लेकर अभि भी अस्पष्टता है, क्योंकि 2010 के दशक में बहु-औषध प्रतिरोधी टिनिया संक्रमण की महामारी से पहले यह ऑस्ट्रेलिया, ओमान और ईरान में पाया गया था।
- भारत (और "Indotineae") के साथ संबद्धता दर्शाते हुए इस प्रजाति का क्षेत्र-विशिष्ट नामकरण करने के कारण इसकी आलोचना की गई है, जिससे नाम के साथ कलंक लगने की संभावना हो जाती है और गलत सूचना को बढ़ावा मिल सकता है।
- इस प्रजाति का यह नामकरण हानिकर है और विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा अमेरिकन सोसायटी ऑफ माइक्रोबायोलॉजी जैसे संगठनों द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के विपरीत है ।
- T. indotineae की पहचान सबसे पहले वर्ष 2020 में जापानी त्वचा विशेषज्ञों द्वारा भारत और नेपाल के रोगियों में की गई थी और तभी से 40 से अधिक देशों में इसका पता लगाया गया है।
- नामकरण के आलोचक: रोगों के नामकरण के लिये सर्वोत्तम पद्धतियाँ लक्षणों और गंभीरता या मौसम जैसी विशिष्ट विशेषताओं के आधार पर वर्णनात्मक शब्दों के उपयोग पर केंद्रित होती हैं।
- ये दिशा-निर्देश विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा OIE और FAO तथा अंतर्राष्ट्रीय रोग वर्गीकरण (ICD) के सहयोग से तैयार किये गए थे।
- विशिष्ट स्थानों के नाम पर कवकों का नामकरण भ्रामक और हानिकारक हो सकता है, उदाहरण के लिये "स्पेनिश फ्लू" अथवा "दिल्ली बॉयल"।
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