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प्राचीन भारतीयों की उत्पत्ति का अध्ययन

  • 17 Oct 2024
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में, भारत सरकार ने दक्षिण एशिया के जनसंख्या इतिहास का पता लगाने के लिये प्राचीन और आधुनिक जीनोमिक्स का उपयोग करते हुए एक गहन वैज्ञानिक अध्ययन शुरू किया है।

  • परियोजना का नाम: “प्राचीन और आधुनिक जीनोमिक्स का उपयोग करके दक्षिण एशिया के जनसंख्या इतिहास का पुनर्निर्माण”। इसके दिसंबर 2025 तक पूरा होने का अनुमान है।
  • संचालन एजेंसी: यह अध्ययन संस्कृति मंत्रालय के तहत भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण (ANSI) द्वारा बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान, लखनऊ के सहयोग से किया गया है।
  • अध्ययन तंत्र: यह भारत और पाकिस्तान के विभिन्न पुरातात्विक स्थलों से प्राप्त दाँतों सहित 300 प्राचीन कंकाल अवशेषों का विश्लेषण करेगा।
    • इससे प्राचीन आहार, रहन-सहन की स्थिति, रोग की व्यापकता, पर्यावरण अनुकूलन और प्रवासन पैटर्न के बारे में जानकारी मिलेगी।
  • शामिल पुरातत्व स्थल: अवशेष हड़प्पा और मोहनजोदड़ो, बुर्जहोम (जम्मू-कश्मीर), नागार्जुनकोंडा (आंध्र प्रदेश), मास्की (कर्नाटक), रोपड़ (पंजाब) और लोथल (गुजरात) जैसे उत्खनन स्थलों से एकत्र किये गए थे।
    • इनका उत्खनन वर्ष 1922 और 1958 के मध्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया गया था तथा बाद में इन्हें ANSI को सौंप दिया गया,  जो अब उनके संरक्षक के रूप में कार्य करता है।

अधिक पढ़ें: जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट

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