टाइडल टेल | 11 Jan 2025

स्रोत: पी.आई.बी.

भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के शोधकर्त्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में NGC 3785 से संबंधित अब तक की सबसे लंबी टाइडल टेल के अंत में एक अल्ट्रा-डिफ्यूज़ आकाशगंगा के निर्माण की खोज की गई है।

  • टाइडल टेल तारों एवं गैस की एक लंबी, संकरी पट्टी है जो आकाशगंगाओं के आपस में संपर्क या विलय से बनती है। 
    • इन अंतःक्रियाओं के दौरान गुरुत्वाकर्षण बल आकाशगंगाओं के बाहरी क्षेत्रों से पदार्थों को आकर्षित करते हैं तथा उन्हें लंबी पट्टियों में प्रसारित करते हैं, जो अंतरिक्ष में विस्तारित होती हैं। 
    • टाइडल टेल विलय के बाद भी लंबे समय तक बनी रह सकती है, जो हाल ही में आकाशगंगाओं के बीच हुई अंतःक्रियाओं का संकेत है। 
    • इस प्रकार की टेल से इस बारे में बहुमूल्य जानकारी मिलती है कि आकाशगंगाएँ किस प्रकार विकसित होती हैं जिससे तारे बनते हैं।
    • उल्लेखनीय रूप से आकाशगंगा के तारकीय निर्माण का एक छोटा सा हिस्सा टाइडल टेल के तहत घटित होता है, जिससे आकाशगंगा की गतिशीलता एवं विकास में इनकी भूमिका पर प्रकाश पड़ता है।
  • आकाशगंगा NGC 3785: यह एक लेंटिक्युलर आकाशगंगा है जो आकाशीय भूमध्य रेखा (काल्पनिक वृत्त जो पृथ्वी की भूमध्य रेखा से अंतरिक्ष तक विस्तारित है) के उत्तर में लियो तारामंडल में स्थित है, जिससे यह उत्तरी गोलार्द्ध से अधिक स्पष्ट दिखाई देती है। 
  • आकाशगंगा गैस, धूल, तारों एवं सौर मंडलों का एक विशाल संग्रह है, जो गुरुत्वाकर्षण द्वारा एक साथ जुड़े रहते हैं। पृथ्वी ऐसी ही एक आकाशगंगा का हिस्सा है।

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