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भारत-UAE निवेश संबंधों में मज़बूती

  • 09 Oct 2024
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी

भारत-यूएई द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) के अंतर्गत भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के निवेशकों के लिये स्थानीय समाधान की समापन अवधि (Exhaustion Period) को पाँच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष कर दिया है।

  • BIT, 31 अगस्त 2024 को लागू हो गया, जिससे पूर्ववर्ती द्विपक्षीय निवेश संवर्द्धन एवं संरक्षण समझौते (BIPPA) के समापन के पश्चात् निवेश संरक्षण की निरंतरता सुनिश्चित हो गई।
    • BIT, न्यूनतम उपचार मानकों (निष्पक्ष और न्यायसंगत) और विवाद समाधान हेतु स्वतंत्र मध्यस्थता का आश्वासन देता है।
    • स्थानीय समाधान की समापन अवधि वह समय सीमा है, जिसके दौरान निवेशक को अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता की मांग करने से पूर्व मेज़बान देश की विधिक प्रणाली के माध्यम से विवाद को सुलझाने का प्रयास करना चाहिये।
  • एक अन्य घटनाक्रम में, अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (ADIA) ने भारत में अपनी निवेश संबंधी गतिविधियों को बढ़ाने के लिये गिफ्ट सिटी में एक कार्यालय खोला है।
    • UAE भारत में सबसे बड़ा अरब निवेशक है, जिसका वित्त वर्ष 2023-24 में निवेश लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर होगा। 
    • वित्त वर्ष 2023-24 के लिये UAE छठा सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) स्रोत था, जो वर्ष 2000 के पश्चात् से कुल मिलाकर सातवाँ सबसे बड़ा स्रोत था। 
    • भारत में खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के कुल निवेश का 70% से अधिक भाग संयुक्त अरब अमीरात से आता है।
  • इसके अतिरिक्त, भारत और UAE, संयुक्त अरब अमीरात की खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने और भारतीय किसानों को समर्थन देने के लिये 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के फूड कॉरिडोर की योजना को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) और BIT, UAE के व्यवसायों के लिये शुल्क मुक्त पहुँच और एक स्थिर निवेश वातावरण सुनिश्चित करेंगे।

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