प्रारंभिक परीक्षा
राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2021-22
- 12 Apr 2023
- 5 min read
हाल ही में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री द्वारा राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (SEEI) 2021-22 जारी किया गया है।
राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक:
- परिचय:
- यह सूचकांक एलायंस फॉर एन एनर्जी-एफिशिएंट इकोनॉमी (AEEE) के सहयोग से ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (विद्युत मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय) द्वारा विकसित किया गया है।
- इसके द्वारा ऊर्जा दक्षता में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की वार्षिक प्रगति का आकलन किया जाता है।
- 50 संकेतकों के साथ अद्यतन ढाँचा अब राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित है और राज्य-स्तरीय ऊर्जा दक्षता पहलों के परिणामों और प्रभावों को ट्रैक करने के लिये इसमें कार्यक्रम-विशिष्ट संकेतकों को शामिल किया गया है।
- ऊर्जा दक्षता कार्यान्वयन में राज्यों की प्रगति और उपलब्धियों के आधार पर उन्हें चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: फ्रंट रनर, अचीवर, कंटेंडर और एस्पिरेंट।
- महत्त्व:
- भारत NDC लक्ष्यों को प्राप्त करने और वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन अर्थव्यवस्था बनने के लिये प्रतिबद्ध है।
- इसके लिये केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग, विवेकपूर्ण संसाधन आवंटन, नीति संरेखण और नियमित रूप से प्रगति पर नज़र रखने की आवश्यकता है।
- SEEI राज्य और स्थानीय ऊर्जा दक्षता नीतियों तथा कार्यक्रमों की देखरेख करता है तथा ऊर्जा फुटप्रिंट के प्रबंधन की निगरानी करता है।
- भारत NDC लक्ष्यों को प्राप्त करने और वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन अर्थव्यवस्था बनने के लिये प्रतिबद्ध है।
SEEI- 2021-22 के मुख्य निष्कर्ष:
- फ्रंट रनर श्रेणी (>60 अंक):
- कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, असम और चंडीगढ़ अपने संबंधित राज्य समूहों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं, जबकि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश ने पिछले सूचकांक के बाद से सबसे अधिक सुधार किया है।
- अचीवर श्रेणी (50-60 अंक):
- असम, हरियाणा, महाराष्ट्र और पंजाब।
राज्यों के लिये सिफारिशें:
- विशेष ध्यान वाले क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता हेतु वित्तीय सहायता को सक्षम बनाना।
- ऊर्जा दक्षता कार्यान्वयन में उभरती ज़रूरतों और चुनौतियों का समाधान करने के लिये राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में संस्थागत क्षमता विकसित करना।
- राज्यों में बड़े पैमाने पर ऊर्जा दक्षता कार्यान्वयन में वित्तीय संस्थानों, ऊर्जा सेवा कंपनियों तथा ऊर्जा पेशेवरों में आपसी सहयोग को बढ़ाना।
- सभी क्षेत्रों हेतु ऊर्जा डेटा रिपोर्टिंग एवं निगरानी को मुख्यधारा में लाना।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो
- परिचय :
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) की स्थापना 1 मार्च, 2002 को विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत की गई थी।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का मिशन भारतीय अर्थव्यवस्था के ऊर्जा आधिक्य को कम करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ विकासशील नीतियों और रणनीतियों को विकसित करने में सहायता करना है।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) के कार्य :
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 में उल्लिखित विनियामक और संवर्द्धन कार्यों के लिये ज़िम्मेदार है।
- यह अपने कार्यों को करने हेतु मौजूदा संसाधनों और बुनियादी संरचना को पहचानता है और उनका उपयोग करता है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ऊर्जा दक्षता कार्यान्वयन में सुधार के लिये राज्य सरकारों के साथ मिलकर कार्य करता है।
- ऊर्जा दक्षता पर BEE का ध्यान भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं और एक सतत् भविष्य में योगदान देता है।