स्पर्म व्हेल | 18 May 2024

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

हाल ही में स्पर्म व्हेल (फिसेटर मैक्रोसेफालस- Physeter macrocephalus) की जाँच करने वाले शोधकर्त्ताओं ने पहली बार उनके संभावित संचार तरीकों के मूलभूत पहलुओं को रेखांकित किया है।

  • स्पर्म व्हेल संचार और इकोलोकेशन उद्देश्यों के लिये शिकार पर नज़र रखने में सहायता के लिये, जल के रैपिड क्लिक का उपयोग करते हैं, जो एक असाधारण तेज़ ज़िपर की आवाज़ जैसा होता है।
    • These clicks are thought to constitute a "phonetic alphabet" enabling the whales to construct words and phrases.
    • ऐसा माना जाता है कि ये क्लिक एक "ध्वन्यात्मक वर्णमाला" का गठन करते हैं जो व्हेल को संचार करने में सक्षम बनाता है।
  • स्पर्म व्हेल गहरे नीले-भूरे या भूरे रंग की होती है, जिसके पेट पर सफेद धब्बे होते हैं।
    • वे टूथेड-व्हेल्स (दाँतेदार व्हेलों) में सबसे बड़ी होती हैं और किसी भी समुद्री स्तनपायी जीवों में इनका व्यापक वैश्विक वितरण सबसे ज़्यादा होता है। 
    • ये विश्व भर में समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय जलीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
    • उनके पास किसी भी जीव की तुलना में सबसे बड़ा मस्तिष्क होता है और वे लगभग 10 वेहेलों वाले मातृसत्तात्मक समूहों में रहती हैं।
    • उन्हें IUCN रेड लिस्ट में असुरक्षित के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जो CITES के परिशिष्ट I में उल्लिखित है और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 में शामिल है।

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