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CPGRAMS के तहत त्वरित शिकायत निवारण

  • 29 Aug 2024
  • 6 min read

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में केंद्र सरकार ने केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) पोर्टल पर दर्ज़ जन शिकायतों के समय पर निवारण के लिये संशोधित दिशा-निर्देश जारी किये। 

  • प्रधानमंत्री ने सरकारी सचिवों के साथ चर्चा के दौरान CPGRAMS को नागरिकों के लिये अधिक संवेदनशील, सुलभ और सार्थक बनाने को कहा।

लोक शिकायत निवारण पर संशोधित दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • शिकायत निवारण समय में कमी: सार्वजनिक शिकायतों के समाधान के लिये अधिकतम समय को पिछले 30 दिनों से घटाकर 21 दिन कर दिया गया है।
    • यदि अधिक समय की आवश्यकता है तो कारण और समाधान के लिये अपेक्षित समय-सीमा का संकेत देते हुए एक अंतरिम उत्तर दिया जाना चाहिये।
  • समर्पित अधिकारी और नोडल अधिकारी: उच्च शिकायत मात्रा वाले मंत्रालयों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित करने हेतु पर्याप्त रैंक वाले नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी चाहिये।
  • सरकार का समग्र दृष्टिकोण: अधिकारियों को शिकायतों का "सरकार के समग्र दृष्टिकोण" पर ज़ोर देते हुए समाधान करना होगा।
    • इसका अर्थ है कि किसी भी मामले में शिकायत को 'इस मंत्रालय/विभाग/कार्यालय से संबंधित नहीं है' या इसके समकक्ष भाषा कहकर बंद नहीं किया जाएगा।
    • यदि शिकायत का विषय प्राप्त करने वाले मंत्रालय से संबंधित नहीं है तो इसे सही प्राधिकारी को हस्तांतरित करने का प्रयास किया जाएगा।
  • प्रौद्योगिकी और AI उपकरणों का उपयोग: शिकायत निवारण की गुणवत्ता में सुधार के लिये शिकायत पोर्टलों के एकीकरण, AI सक्षम डैशबोर्ड का उपयोग करके मूल कारण विश्लेषण और शिकायत निवारण मूल्यांकन सूचकांक (Grievance Redressal Assessment Index- GRAI) जैसे मूल्यांकन मैट्रिक्स जैसे प्रौद्योगिकी सुधारों को अपनाया जाना चाहिये।
    • GRAI संगठन-वार तुलना प्रस्तुत करता है तथा शिकायत निवारण तंत्र की शक्तियों और सुधार के क्षेत्रों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है।
  • उन्नत अपील तंत्र: CPGRAMS में अपील प्रक्रिया के लिये वर्तमान में अतिरिक्त या संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अपीलीय प्राधिकारी (Nodal Appellate Authority- NAA) के रूप में नियुक्त करने की आवश्यकता होती है।
    • त्वरित शिकायत निवारण के लिये NAA के अंतर्गत मंत्रालयों/विभागों द्वारा उप अपीलीय प्राधिकारी (Sub Appellate Authorities -SAA) नियुक्त किये जा सकते हैं।
  • समर्पित शिकायत प्रकोष्ठों की स्थापना: प्रत्येक मंत्रालय में एक समर्पित शिकायत प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी, जिसमें ऐसे कर्मचारी होंगे जिन्हें योजनाओं/कार्यक्रमों का क्षेत्र ज्ञान होगा तथा डेटा विश्लेषण और शिकायतों के मूल कारण विश्लेषण के लिये अनुभव तथा कौशल होगा।
  • गंभीर शिकायतों का निपटान: भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, उत्पीड़न या नागरिकों के किसी अन्य सतर्कता कोण से संबंधित शिकायतों की कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training- DoPT) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission - CVC) के दिशानिर्देशों के तहत बारीकी से जाँच की जाएगी।
  • फीडबैक तंत्र: यदि नागरिक निवारण से संतुष्ट नहीं है तो वे पोर्टल पर फीडबैक दे सकते हैं और उस पर अपील कर सकते हैं। 
    • फीडबैक प्रक्रिया को व्हाट्सएप, चैटबॉट आदि के साथ एकीकृत किया जाएगा ताकि असंतुष्ट नागरिक फीडबैक के उपरोक्त किसी भी विधि से अपील दायर कर सकें।
  • क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण: शिकायत निवारण अधिकारियों के लिये क्षमता निर्माण राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से किया जाएगा।

CPGRAMS 

  • CPGRAMS नागरिकों के लिये 24x7 उपलब्ध एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहाँ वे सेवा वितरण से संबंधित किसी भी विषय पर सार्वजनिक अधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायतें दर्ज़ करा सकते हैं।
  • इसे कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के तहत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा लॉन्च किया गया था।
  • यह भारत सरकार और राज्यों के सभी मंत्रालयों/विभागों से जुड़ा एक एकल पोर्टल है।
  • शिकायत अधिकारी द्वारा समाधान से संतुष्ट न होने पर CPGRAMS नागरिकों को अपील की सुविधा भी प्रदान करता है।
  • निवारण के लिये अपील नहीं किये गए मुद्दों में RTI मामले, न्यायालय से संबंधित या विचाराधीन मामले, धार्मिक मामले और सरकारी कर्मचारियों की उनकी सेवा संबंधी समस्याओं से संबंधित शिकायतें शामिल हैं।

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