अंतरिक्ष मलबा | 08 Mar 2025

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

केन्या में 500 किलोग्राम वज़न के मेटल ऑब्जेक्ट के गिरने से अंतरिक्ष मलबे को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं और पृथ्वी पर अंतरिक्ष मलबे के प्रवेश से संबंधित जवाबदेहिता तथा सुरक्षा उपायों के बारे में विमर्श को बढ़ावा मिला है।

अंतरिक्ष मलबा क्या है?

  • परिचय: बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति (COPUOS) के अनुसार, 'अंतरिक्ष मलबा के तहत अंतरिक्ष में मिलने वाली ऐसी सभी मानव निर्मित वस्तुएँ शामिल हैं जो संचालन अवस्था में नहीं हैं।
    • इसमें निष्क्रिय उपग्रह, रॉकेट तथा इनके विस्फोट या टकराव से उत्पन्न टुकड़े शामिल हैं।
  • उत्पत्ति: अधिकांश अंतरिक्ष मलबे का स्रोत कक्षा में ऑन-ऑर्बिट ब्रेकअप है, अर्थात उपग्रहों या रॉकेट चरणों के अंतरिक्ष में होने वाला विस्फोट, टकराव या विखंडन। 
    • NASA के अनुमान अनुसार बेसबॉल के आकार से बड़े 23,000 मलबे के टुकड़े, संगमरमर के आकार के 500,000 स्क्रैप तथा एक मिलीमीटर से अधिक के 100 मिलियन खंड पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं।
  • अंतरिक्ष मलबे का विनाश: वायुमंडलीय कर्षण के कारण मलबे का उन्नतांश प्रभावित होता है और पुनः प्रवेश करने पर जल जाता है। यह 11 वर्षीय सौर गतिविधि चक्र द्वारा तीव्र होता है जो वायुमंडल का विस्तार करता है, जिससे निम्न-कक्षा के मलबे का क्षय तीव्रता से होता है।
  • संबद्ध जोखिम:
    • कक्षा में जोखिम: बड़े मलबे से उपग्रह नष्ट हो सकते हैं, जबकि 1 सेमी. के टुकड़े भी अंतरिक्ष यान को निष्क्रिय कर सकते हैं। मिलीमीटर आकार के कणों से सतहों का क्षय होता है और सौर पैनलों की क्षति होती है।
    • पुनः प्रवेश का जोखिम: अधिकांश मलबा जल जाता है, लेकिन कुछ बड़े खंड पृथ्वी तक पहुँच  सकते हैं, हालाँकि इससे किसी प्रकार की क्षति होने का जोखिम बहुत कम है।
    • केसलर सिंड्रोम: केसलर सिंड्रोम मलबे के टकराव की एक शृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया है, जो और भी अधिक मलबा उत्पन्न करती है, जिससे भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिये कक्षाएँ अनुपयोगी हो सकती हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय विनियम:
    • बाह्य अंतरिक्ष संधि (वर्ष 1967): संधि का अनुच्छेद VI राज्यों को निजी सहित सभी राष्ट्रीय अंतरिक्ष गतिविधियों के लिये ज़िम्मेदार बनाता है, लेकिन इसमें प्रवर्तन तंत्र का अभाव है।
    • अंतरिक्ष वस्तुओं से होने वाली क्षति के लिये अंतर्राष्ट्रीय दायित्व पर अभिसमय (वर्ष 1972): यह पृथ्वी पर अंतरिक्ष वस्तुओं से होने वाली क्षति के लिये पूर्ण उत्तरदायित्व लागू करता है, इसमें लापरवाही के किसी साक्ष्य की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन इसका प्रवर्तन कमज़ोर है।
    • डीऑर्बिटिंग पर स्वैच्छिक संयुक्त राष्ट्र दिशानिर्देश: संयुक्त राष्ट्र 25 वर्षों के भीतर उपग्रहों को डीऑर्बिटिंग करने की सिफारिश करता है, लेकिन अनुपालन दर केवल 30% के आसपास है।
  • अंतरिक्ष मलबे को हटाने की पहल: