संप्रभु स्वर्ण बॉण्ड योजना | 02 Aug 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में केंद्र सरकार ने बजट 2024-25 में स्वर्ण पर आयात शुल्क 15% से घटाकर 6% करने की घोषणा की।
- इसके अलावा, सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड (SGB) के भविष्य पर अपने निर्णय को अंतिम रूप देना चाहती है।
भारत में स्वर्ण उद्योग की स्थिति
- भारत में स्वर्ण भंडार:
- राष्ट्रीय खनिज सूची के अनुसार, वर्ष 2015 तक भारत में स्वर्ण के अयस्क का कुल भंडार/संसाधन 501.83 मिलियन टन होने का अनुमान था।
- स्वर्ण अयस्क के सबसे बड़े संसाधन बिहार (44%) में स्थित हैं, इसके बाद राजस्थान में (25%), कर्नाटक में (21%), पश्चिम बंगाल में (3%), आंध्र प्रदेश में (3%) तथा झारखंड में (2%) हैं।
- देश के कुल स्वर्ण उत्पादन में कर्नाटक का लगभग 80% योगदान है। कोलार ज़िले में कोलार गोल्ड फील्ड्स (KGF) विश्व की सबसे प्राचीन और गहराई पर मौजूद स्वर्ण की खदानों में से एक है।
- भारत में स्वर्ण आयात:
- भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्वर्ण उपभोक्ता है। वर्ष 2023-24 में भारत का स्वर्ण आयात 30% बढ़कर 45.54 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
- हालाँकि मार्च, 2024 में स्वर्ण आयात में 53.56% की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई।
सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड स्कीम क्या है?
- लॉन्च:
- SGB स्कीम नवंबर, 2015 में पेश की गई थी। इसका उद्देश्य भौतिक स्वर्ण की मांग को कम करना और घरेलू बचत के एक भाग को, जो सामान्यतः स्वर्ण खरीदने के लिये उपयोग किया जाता है, वित्तीय बचत में निवेश करने के लिये प्रोत्साहित करना था।
- निर्गमन:
- गोल्ड बॉण्ड, सरकारी प्रतिभूति (GS) अधिनियम, 2006 के तहत भारत सरकार के स्टॉक के रूप में जारी किये जाते हैं।
- ये बॉण्ड भारत सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किये जाते हैं।
- वे अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, पेमेंट बैंकों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नामित डाकघरों तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से सीधे या एजेंटों के माध्यम से खरीद के लिये उपलब्ध हैं।
- पात्रता:
- ये बॉण्ड स्थानीय व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF), ट्रस्टों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं द्वारा खरीद के लिये उपलब्ध हैं।
- विशेषताएँ:
- निर्गम मूल्य: स्वर्ण बॉण्ड का मूल्य इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) मुंबई द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता (24 कैरेट) के सोने के मूल्य से जुड़ा हुआ है।
- निवेश सीमा: स्वर्ण बॉण्ड को विभिन्न निवेशकों के लिये विशिष्ट सीमा तक एक इकाई (1 ग्राम) के गुणकों में खरीदा जा सकता है।
- खुदरा (व्यक्तिगत) निवेशकों एवं हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिये प्रति वित्तीय वर्ष अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम (4,000 यूनिट) है, जबकि ट्रस्ट और इसी तरह की संस्थाओं के लिये प्रति वित्तीय वर्ष 20 किलोग्राम की सीमा है। न्यूनतम निवेश की अनुमति 1 ग्राम सोने/स्वर्ण की है।
- अवधि: स्वर्ण बॉण्ड की परिपक्वता अवधि आठ वर्ष होती है, जिसमें पहले पाँच वर्षों के बाद निवेश से बाहर निकलने का विकल्प होता है।
- ब्याज दर: यह योजना 2.5% की निश्चित वार्षिक ब्याज दर प्रदान करती है, जो अर्द्ध-वार्षिक रूप से देय है। गोल्ड बॉण्ड पर अर्जित ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार कर योग्य है।
- लाभ:
- SGB का उपयोग ऋण के लिये संपार्श्विक के रूप में किया जा सकता है।
- SGB के मोचन पर व्यक्तियों के लिये पूंजीगत लाभ कर से छूट दी गई है।
- मोचन से तात्पर्य जारीकर्त्ता द्वारा परिपक्वता पर या उससे पहले बॉण्ड को पुनर्खरीद करने से है।
- पूंजीगत लाभ वह लाभ है जो तब अर्जित होता है जब किसी परिसंपत्ति, जैसे स्टॉक, बॉण्ड या रियल एस्टेट का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से अधिक होता है।
- SGB में निवेश के नुकसान:
- यह भौतिक स्वर्ण के विपरीत एक दीर्घकालिक निवेश है, जिसे तुरंत बेचा जा सकता है।
- हालाँकि SGB एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हैं, लेकिन ट्रेडिंग वॉल्यूम अपेक्षाकृत कम है, जिससे उन्हें परिपक्व होने से पहले बेचना मुश्किल हो जाता है।
ग्रीन बॉण्ड:
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. सरकार की 'संप्रभु स्वर्ण बॉण्ड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme)' एवं 'स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (Gold Monetization Scheme)' का/के उद्देश्य क्या है/ हैं? (2016)
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