सौर प्रज्वाल | 08 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सूर्य ने एक एक्स-क्लास सौर प्रज्वाल का उत्सर्जन किया, जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों पर रेडियो संचार बाधित हो गया।
- राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) के अनुसार, प्रज्वाल को X1.0 प्रज्वाल के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
सौर प्रज्वाल:
- परिचय:
- जब विकृत (Twisted)' चुंबकीय क्षेत्रों (अधिकतर सूर्य के ऊपर) में फँसी ऊर्जा अप्रत्याशित रूप से जारी होती है, तो यह सूर्य पर एक बड़े विस्फोट का कारण बनती है जिसे सौर प्रज्वाल के रूप में जाना जाता है।
- इन्हें सूर्य पर चमकीले क्षेत्रों के रूप में देखा जाता है और ये मिनटों से लेकर घंटों तक उस स्थान पर विद्यमान रह सकते हैं।
- कुछ ही मिनटों में वे सामग्री को कई लाख डिग्री तक गर्म कर देते हैं और रेडियो तरंगों से लेकर एक्स-रे और गामा रे सहित विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम में विकिरण विस्फोट करते हैं।
- ये रेडियो संचार, पावर ग्रिड और नेविगेशन सिग्नल को प्रभावित कर सकते हैं तथा अंतरिक्ष यात्रियों एवं अंतरिक्ष यान को खतरे में डाल सकते हैं।
- श्रेणियाँ:
- एक्स-रे तरंग दैर्ध्य में उनकी चमक के अनुसार सौर प्रज्वाल की पाँच श्रेणियाँ हैं जिनमें A, B,C, M और X शामिल हैं; प्रत्येक वर्ग अपने से पहले वाले वर्ग से कम- से-कम दस गुना अधिक शक्तिशाली है।
- X-क्लास फ्लेयर्स (बड़ा आकार): वे प्रमुख घटनाएँ हैं जो संपूर्ण विश्व में रेडियो ब्लैकआउट और ऊपरी वायुमंडल में लंबे समय तक चलने वाले विकिरण तूफानों को उत्प्रेरित कर सकती हैं।
- M-क्लास फ्लेयर्स (मध्यम आकार): वे आमतौर पर संक्षिप्त रेडियो ब्लैकआउट का कारण बनते हैं जो पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। छोटे विकिरण तूफान कभी-कभी M-श्रेणी की चमक के बाद आते हैं।
- C-क्लास फ्लेयर्स(छोटा आकार): X और M क्लास घटनाओं की तुलना में C-क्लास फ्लेयर्स पृथ्वी पर कुछ ध्यान देने योग्य परिणामों के साथ छोटे स्वरूप में होते हैं।
- सबसे छोटे फ्लेयर्स A-क्लास (पृष्ठभूमि स्तर के पास) हैं, इसके बाद अन्य फ्लेयर्स आते हैं।
- एक्स-रे तरंग दैर्ध्य में उनकी चमक के अनुसार सौर प्रज्वाल की पाँच श्रेणियाँ हैं जिनमें A, B,C, M और X शामिल हैं; प्रत्येक वर्ग अपने से पहले वाले वर्ग से कम- से-कम दस गुना अधिक शक्तिशाली है।
नोट:
- सौर प्रज्वाल कोरोनल मास इजेक्शन्स (CMEs) से भिन्न हैं, जिन्हें कभी सोलर फ्लेयर्स द्वारा प्रारंभ माना जाता था।
- CME चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं से जुड़े गैस के विशाल बुलबुले हैं जो कई घंटों के दौरान सूर्य से निकलते रहते हैं। हालाँकि कुछ में प्रज्वाल भी होते हैं, लेकिन अब यह ज्ञात हो गया है कि अधिकांश CME स्वत्रंत्र रूप से घटित होते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. यदि कोई मुख सौर तूफान (सौर प्रज्वाल) पृथ्वी पर पहुँचता है, तो पृथ्वी पर निम्नलिखित में से कौन-से संभव प्रभाव होंगे? (2022)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2, 4 और 5 उत्तर: (c) |