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स्नेलफिश

  • 20 Aug 2022
  • 4 min read

हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया है कि ग्रीनलैंड में हिमशैल आवास में रहने वाली स्नेलफिश अपने रक्तप्रवाह में हिमनिरोधी/एंटीफ्रीज़ प्रोटीन की उपस्थिति के कारण बर्फीले आर्कटिक जल में जीवित रह सकती है।

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स्नेलफिश

  • परिचय:
    • स्नेलफिश नाम लिपारिडे/ENG फैमिली में पाई जाने वाली 400 से अधिक प्रजातियों में से किसी को भी संदर्भित कर सकता है।
    • कभी-कभी उन्हें समुद्री घोंघे भी कहा जाता है, गैस्ट्रोपॉड समुद्री घोंघे (जो जानवर हैं) इनसे अलग हैं।
    • स्नेलफिश बायोफ्लोरेसेंस छोड़ती है, जिससे यह गहरे आर्कटिक जल में हरे और लाल रंग के रूप में चमकती हुई प्रतीत होती है।
      • स्नेलफिश एकमात्र ध्रुवीय मछली है जिसमें बायोफ्लोरेसेंस पाया जाता है।
      • बायोफ्लोरेसेंस जीव की नीली रोशनी को हरे, लाल या पीले रंग में बदलने की क्षमता है।
        • क्षेत्र में लंबे समय तक अंधेरे के कारण आर्कटिक मछली में यह शायद ही कभी पाया जाता है।
  • प्राकृतिक आवास:
    • ये अंटार्कटिका सहित पूरे विश्व में पाई जाते हैं।
    • हालाँकि ये उथले जल में पाई जाती हैं, लेकिन इसकी गहरी समुद्री प्रजातियाँ कुछ अलग होती हैं।

अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ:

  • ग्रीनलैंड में हिमखंडों में स्नेलफिश अपने रक्तप्रवाह में ‘एंटीफ्रीज़ प्रोटीन की उपस्थिति के कारण आर्कटिक में जीवित रह सकती है।
    • इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि सबसे अधिक व्यक्त जीन एंटीफ्रीज़ प्रोटीन से संबंधित थे।
      • यह असाधारण विशेषता, जो समुद्री जीवों में दुर्लभ है, स्नेलफिश को उनकी कोशिकाओं और शरीर के फ्लूइड को बर्फ के क्रिस्टल के रूप में जमने से रोकने का कार्य करती है।
  • जलवायु परिवर्तन इसकी उत्तरजीविता को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि समुद्र के बढ़ते तापमान के साथ हिमखंड तेजी से पिघलेंगे।
  • उच्च अक्षांशों पर गर्म जलधारा लाने वाली जैव विविधता में वृद्धि से प्रतिस्पर्द्धा बढ़ सकती है, जिससे खाद्य शृंखला में इसकी स्थिति खतरे में पड़ सकती है।
  • निष्कर्षों से पता चलता है कि समुद्री जीव अपने अद्वितीय अनुकूलन तंत्र का उपयोग करके उप-शून्य तापमान में कैसे जीवित रह सकता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा जीव निस्यंंदक भोजी (फिल्टर फीडर) है?

(a) अशल्क मीन (कैटफिश)
(b) अष्टभुज (ऑक्टोपस)
(c) सीप (ऑयस्टर)
(d) हवासिल (पेलिकन)

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • सीप या ऑयस्टर (Oyster) एक सा जलीय मोलस्क जंतु है, जिसमें निस्यन्द भोजी (फिल्टर फीडर) प्रकार की पोषण की विधि पाई जाती है। यह जंतु जल में, निलम्बित रूप से मौजूद भोजन के कण, यी लार्वा, पादपप्लवक आदि को पोषण (भोजन) के रूप में ग्रहण करता है, जिसके लिये ये जलाशय या समुद्र के जल को मुँह में लेकर एक छलनीनुमा संरचना से गुजरता है एवं निस्यन्दित पदार्थों को भोजन के रूप में ग्रहण करता है। अतः विकल्प (C) सही है।
  • कुछ जानवर जो इस पद्धति का उपयोग करते हैं, वे हैं क्लैम, क्रिल, स्पंज, सीप, बेलन व्हेल और कई मछलियाँ (कुछ शार्क सहित)। कुछ पक्षी जैसे राजहंस और बत्तख की कुछ प्रजातियाँ भी निस्यन्द भोजी हैं।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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